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Taiwan का हालिया सैन्य सुधार कार्यक्रम, सही दिशा में देर से उठा आधा-अधूरा कदम

सामरिक विशेषज्ञों का अनुमान है कि 2024 में नई प्रणाली के लांच होने के तीन से पांच साल के अंदर ही ताइवान सशस्त्र बलों के पास अधिक योग्य कॉर्पोरल, लेफ्टिनेंट और दूसरे लेफ्टिनेंट होंगे, जो ताइवान में रिजर्व सैनिक बतौर महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.

Updated on: 06 Jan 2023, 03:04 PM

highlights

  • 1 जनवरी 2024 से ताइवान के सभी युवाओं के लिए एक साल सैन्य सेवा जरूरी
  • इसके पहले महज चार महीने ही अनिवार्य सैन्य सेवा के तहत देने पड़ते थे
  • ताइवान ने इस लिहाज से सैन्य सुधारों की दिशा में देर से ही कदम उठाया है

नई दिल्ली:

ताइवान (Taiwan) की राष्ट्रपति त्साई इंग वेन (Tsai Ing-wen) ने दिसंबर 2022 के अंतिम सप्ताह में घोषणा की थी कि 1 जनवरी 2024 से ताइवान अनिवार्य सैन्य सेवा को चार महीने से बढ़ाकर एक वर्ष कर देगा. इस फैसले से 1 जनवरी 2005 को और उसके बाद पैदा होने वालों को प्रभावित करने की उम्मीद है. इससे पहले 1949 के बाद, जब चीन गणराज्य सरकार को चीनी गृह युद्ध के बाद ताइवान स्थानांतरित कर दिया गया था, तो 18 वर्ष से ऊपर के सभी ताइवानी पुरुषों को सेना में दो से तीन साल सेवा देनी अनिवार्य थी. हालांकि 2008 के आते-आते सेना में अनिवार्य सेवा को एक वर्ष कर दिया गया था. इसके अलावा पिछले कुओमिन्तांग प्रशासन के तहत 2008-2016 से भर्ती को एक स्वयंसेवी बल में बदल दिया गया था. इसमें सहायक भूमिकाओं में सेवा करने वाले लोगों के लिए केवल चार महीने की सैन्य सेवा जरूरी थी. इन चार महीनों के दौरान सिपाहियों को पांच सप्ताह के बूट शिविर के बाद फील्ड इकाइयों के साथ 11 सप्ताह का विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है. हालांकि राष्ट्रपति त्साई की संशोधित प्रणाली के तहत अब सभी अभ्यर्थियों को 44 सप्ताह के जमीनी प्रशिक्षण से पहले आठ सप्ताह के बुनियादी सैन्य प्रशिक्षण (Military Training) से गुजरना होगा. उनका मासिक वेतन भी लगभग 195 अमेरिकी डॉलर से बढ़ाकर 650 अमेरिकी डॉलर प्रति माह कर दिया जाएगा. ताइवान में सेन्या सेवा भर्ती के बारे में समाचार व्यापक रूप से रिपोर्ट किए गए हैं. हालांकि ताइवान ने इसके साथ ही सैन्य सुधारों की एक श्रृंखला की भी घोषणा की है, जिसमें सैन्य बलों को चार मुख्य श्रेणियों में विभाजित करना शामिल है. ये हैं क्रमशः मुख्य लड़ाकू बल, गैरीसन बल, नागरिक सुरक्षा प्रणाली और रिजर्व प्रणाली. उपलब्ध जानकारी के अनुसार मुख्य लड़ाकू बल में पेशेवर सैनिक शामिल होंगे, जो क्षेत्रीय सुरक्षा की जिम्मेदारी उठाएंगे, जबकि गैरीसन बल में मुख्य रूप से सैन्यकर्मी शामिल होंगे और ताइवान के अंदर प्रमुख बुनियादी ढांचे की सुरक्षा के कार्य करेंगे. इसके अलावा नई प्रणाली के तहत नए अभ्यर्थी ड्रोन (Drone) जैसे आधुनिक हथियारों के साथ भी काम करेंगे और प्राथमिक चिकित्सा और जीवन रक्षक कौशल का भी अभ्यास करेंगे.

ताईवान को कठोर सैन्य सुधारों की महती जरूरत
सदी की शुरुआत के बाद पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना ने अपने सैन्य सुधारों की शुरुआत की थी. विशेष रूप से शी जिनपिंग के शासनकाल में जब चीनी सैन्य सुधारों को तेजी से आगे बढ़ाया गया, तो ताइवान स्ट्रेट में शक्ति संतुलन निश्चित रूप से चीन की ओर झुक गया. इसके जवाब में एडमिरल ली हसी मिंग के नेतृत्व में ताइवान ओवरऑल डिफेंस कॉन्सेप्ट  की ओर बढ़ रहा था. सरल शब्दों में कहें, तो इस अवधारणा के तहत ताइवान असममित युद्ध को अपनाने की योजना बना रहा था. उस वक्त घातक और मारक हथियारों की खरीद और प्रशिक्षण पर जोर लगभग न के बराबर था. हालांकि एडमिरल ली की सेवानिवृत्ति के साथ ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने ओडीसी का रुख और लक्ष्य फिर बदल दिया. इसके तहत हाई-प्रोफाइल, उच्च-प्रतिष्ठा और उच्च लागत वाले हथियारों को हासिल करना शुरू किया. हालांकि ये हथियार अब अत्याधुनिक होते हुए भी ताइवान को चीन को रोकने या उसके एकीकरण अभियानों के खिलाफ खुद का बचाव करने में मदद नहीं करेंगे. इसके अलावा  न केवल सैन्य आधुनिकीकरण बल्कि भर्ती और प्रशिक्षण के संबंध में ताइवानी सेना के समक्ष कई चुनौतियां विध्यमान हैं. उदाहरण के लिए देश में पर्याप्त आर्थिक अवसरों के कारण ताइवान के युवाओं का कम वेतन वाली सशस्त्र बलों की नौकरियों को चुनने के बजाय विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों में काम करने की ओर अधिक झुकाव है. इसके अतिरिक्त, जैसा कि ताइवान के आंतरिक मंत्रालय ने ताइवान के विधायी युआन को अपनी रिपोर्ट में सुझाव दिया है, 2022 में नई भर्ती की संख्या एक दशक में सबसे कम होगी. अपने लक्ष्य से 7000 कम और इसकी वजह होगी आंशिक रूप से गिरती जन्म दर. हालांकि युवाओं की सैन्य कैरियर के प्रति अनिच्छा भी एक कारण है.

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हालिया सुधार बहुत देर से उठाए गए कदम
राष्ट्रपति त्साई द्वारा नवीनतम सैन्य सुधार सही दिशा में उठाया गया एक कदम है. नई प्रणाली के तहत  सक्रिय-ड्यूटी वाले सैनिक युद्ध की तैयारी के मिशन पर ध्यान केंद्रित करेंगे और अनिवार्य भर्ती वाले जवान आरक्षित बलों की क्षमता को बढ़ावा देंगे. यह आंशिक रूप से चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध से प्रेरित है, जहां यूक्रेन एक सैन्य रूप से शक्तिशाली बल के खिलाफ संप्रभु रक्षा के लिए अपनी आबादी को संगठित करने में सक्षम रहा है. ताइवान के मामले में जरूरत पड़ने पर इस तरह लामबंदी अपेक्षाकृत आसान होगी यदि युवा पीढ़ी नवीनतम भर्ती प्रणाली के तहत पहले से ही एक वर्ष के लिए प्रशिक्षित हो. सामरिक विशेषज्ञों का अनुमान है कि 2024 में नई प्रणाली के लांच होने के तीन से पांच साल के भीतर सशस्त्र बलों के पास अधिक योग्य कॉर्पोरल, लेफ्टिनेंट और दूसरे लेफ्टिनेंट होंगे, जो होमलैंड रक्षा मिशन के लिए जिम्मेदार आरक्षित सेना के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. हालांकि अगर चीन पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के गठन के शताब्दी वर्ष यानी 2027 से पहले एकीकरण अभियान शुरू करने का लक्ष्य रखता है, तो ताइवान के नए सुधारों के बावजूद बहुत देर हो चुकी होगी? साथ ही यह क्रॉस-स्ट्रेट शक्ति संतुलन को सुधारने की दिशा में ताइवान का पहला कदम है, क्योंकि ताइवान को हाई-प्रोफाइल खरीद से समुद्री माइंस और सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों जैसे हथियारों में फिर से निवेश करना होगा. यह ताइवान को बैकअप बलों के आने तक चीनी आक्रमण को आगे बढ़ने से रोके रखने में सक्षम बनाएगा. हालांकि सैन्य सुधारों का कार्यान्वयन एक थकाऊ और समय लेने वाली प्रक्रिया है इसलिए यह ताइवान के हित में है कि वह अन्य सैन्य सुधारों में तेजी लाने के लिए इस अवसर का उपयोग करे. खासकर  अगर ताइवान जलडमरूमध्य में चीनी आक्रामकता को रोकना चाहता है तो ऐसा करना उसके लिए जरूरी होगा.