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यूपी में साइलेंट वोट से होगा 'खेला' महिला शक्ति से सत्ता विजय

यूपी के महादंगल में एक फैक्टर सबसे अहम है, वो है महिला वोटर पिछली बार महिला वोटर्स ने बंपर वोटों से बीजेपी के झोली भरी थी। इस बार इस वोटबैंक पर दांव कांग्रेस भी खेल रही है।

Updated on: 20 Dec 2021, 09:45 PM

नई दिल्ली:

यूपी के महादंगल में एक फैक्टर सबसे अहम है, वो है महिला वोटर पिछली बार महिला वोटर्स ने बंपर वोटों से बीजेपी के झोली भरी थी। इस बार इस वोटबैंक पर दांव कांग्रेस भी खेल रही है। बीजेपी के इसी वोटबैंक को साधने के लिए कांग्रेस ने 40 फीसदी महिलाओें को टिकट देने का ऐलान किया है। ये वो साइलेंट वोटर हैं जो किसी भी पार्टी के हिस्से में राजयोग लिख सकता है यूपी में मौसम के गिरते पारे के साथ धीरे-धीरे चुनावी तापमान चढ़ रहा है। चुनाव आयोग के 2020 का इलेक्टोरल रोल डेटा बताता है कि
- यूपी में 14 करोड़ 16 लाख 63 हजार 646 मतदाता हैं
- इनमें से 6 करोड़ 46 लाख 13 हजार 747 महिला वोटर हैं
- यानि यूपी में एक तरह से 45 फीसदी महिला वोटर हैं
और यही वजह है कि 45 फीसदी महिला वोटर की इस आबादी पर हर पार्टी की नज़र टिकी है। बीजेपी इसी वोटबैंक को साधने के लिए प्रयागराज में वो करने वाली है, जो अब तक कभी नहीं हुआ्र।प्रयागराज में आयोजित होने वाले मातृशक्ति महाकुंभ में करीब ढाई लाख महिलाओं के शामिल होने की बात कही जा रही है। बीजेपी बड़े सधे तरीके से आधी आबादी को अपने हक में करने के लिए ज़मीन पर काम कर रही है। इसमें महिलाओं के लिए लाई गई योजनाएं तो हैं ही साथ ही सत्ता में उनकी भागीदारी पर भी फोकस है। पिछले विधानसभा चुनावों में बीजेपी इस आधी आबादी को तवज्जो देने के मंत्र की सिद्धि देख चुकी है। 2017 में दूसरी पार्टियों की तुलना में BJP ने सबसे ज्यादा महिलाओं को टिकट दिया था। 2017 में 46 महिला कैंडिडेट्स में से 36 की विजय ने बीजेपी को मातृशक्ति पर भरोसा करने की वजह दी है। और यही वजह है कि कांग्रेस भी प्रियंका को आगे कर अब इस वोटबैंक पर दांव खेल रही है। प्रियंका के यूपी अध्याय में एक बड़ा प्वाइंट है 40 फीसदी महिलाओं को टिकट
इसमें शक नहीं कि बीजेपी के पास महिला सशक्तिकरण और उनके लिए लाई गई योजनाओं की लंबी फेहरिस्त है। यूपी की योगी सरकार भी दावा करती है कि उसने महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए बहुत काम किया है।2017 से अब तक योगी सरकार की योजनाओं की बात करें तो,
- पहली है यूपी भाग्यलक्ष्मी योजना,इसमें आर्थिक रूप से गरीब परिवार की बेटियों के जन्म होने पर 50,000 रूपये की आर्थिक सहायता मिलती है
- मां को भी 5100 रूपये की वित्तीय सहायता मिलती है
- लड़की की शिक्षा के लिए भी 6ठी क्लास से 12वीं तक रुपये मिलते हैं
- वहीं लड़की के 21 वर्ष की उम्र होने तक लड़की के माता-पिता को 2 लाख रुपये मिलते हैं
- दूसरी स्कीम है कन्या सुमंगला योजना
- जिसके तहत तहत 6 किश्तों में गरीब लड़कियों को 15000 रूपये मिलते हैं
योगी सरकार के इन दावों से इतर कांग्रेस के पास फिलहाल वादों की पोटली है।औऱ प्रियंका गांधी का चेहरा,दूसरी तरफ जातीय गोलबंदी के भरोसे समाजवादी पार्टी और बीएसपी भी महिला वोटर को अपने पाले में करने की कोशिश में है। इसमें शक नहीं कि नारी शक्ति का चुनावों मेें एक्टिव रोल एक बड़ा फेरबदल करवे का माद्दा रखता है। बंगाल में नारी शक्ति का ये प्रयोग दिख भी चुका है।पिछली बार यानि 2017 के विधानसभा चुनाव भी मातृशक्ति से सत्ता सिद्धि के संकेतों पर मुहर लगाते हैं।तो क्या इस बार साइलेंट वोटर अपना लाउड मेंडेट देकर राजतिलक करेगा?