Ramraj: निरुत्तर प्रदेश से उत्तर प्रदेश का पूरा सफर !

इतिहास जब पूरे हिन्दुस्तान को लिख कर उत्तर प्रदेश की सरजमीं पर पहुंचा तो कई दशकों तक वो यहां के फिजाओं को लिखता रहा. स्याही की कई बोतलें खत्म होती गईं, लेकिन उत्तर प्रदेश की कहानी आज भी लिखी जा रही है.

इतिहास जब पूरे हिन्दुस्तान को लिख कर उत्तर प्रदेश की सरजमीं पर पहुंचा तो कई दशकों तक वो यहां के फिजाओं को लिखता रहा. स्याही की कई बोतलें खत्म होती गईं, लेकिन उत्तर प्रदेश की कहानी आज भी लिखी जा रही है.

author-image
Deepak Pandey
New Update
ramraj

RAMRAJ( Photo Credit : File Photo)

इतिहास जब पूरे हिन्दुस्तान को लिख कर उत्तर प्रदेश की सरजमीं पर पहुंचा तो कई दशकों तक वो यहां के फिजाओं को लिखता रहा. स्याही की कई बोतलें खत्म होती गईं, लेकिन उत्तर प्रदेश की कहानी आज भी लिखी जा रही है. हिन्दुस्तान जब-जब सियासी अखाड़े में लड़खड़ाया उत्तर प्रदेश उसे संबल देता रहा लेकिन आजादी के बाद से किसी ने उत्तर प्रदेश की सुध नहीं ली. यूपी की मिट्टी ने कई नायकों को पैदा किया, लेकिन उत्तर प्रदेश को अब तक वो नायक नहीं मिला, जो इसके भाग्य को संवार दें.

Advertisment

एक वक्त था जब उत्तर प्रदेश दिमागी बुखार से जूझ रहा था, खासकर पूर्वांचल जहां माफिया और बाहुबली अपराध की नई-नई गाथाएं लिख रहे थे, उस वक्त दिमागी बुखार यानी इंसेफेलाइटिस बच्चों को निगल रहा था. कई मां-बाप अपने भविष्य और कलेजे के टुकड़े के शव को उठाने के लिए मजबूर थे. अस्पताल वेंटिलेटर पर था और स्वास्थ्य व्यवस्था में जंग लग चुकी थी.

व्यवस्था के नाम पर सिर्फ कागजी कार्रवाई होती थी और जनता की सुहूलियत के नाम पर अधिकारियों की दौलत को बैंक भी बैलेंस नहीं कर पाता था. उस दौर में जहां बेटियों का शव पेड़ों की टहनी से लटकता था और न्याय के नाम पर पत्रकारों को आग के हवाले कर दिया जाता था. बलात्कार शब्द जिस दौर में महज लड़कों की गलतियों को परिभाषित करता था, उस दौर में सड़कों पर निकलना ही महज महिलाओं के लिए अपराध साबित हो जाता था.

मजहब के नाम पर सियासत साधने वाले प्रदेश की शांति को तकसीम करने में एक मिनट भी नहीं सोचते थे और देखते ही देखते उत्तर प्रदेश दंगों के प्रदेश में तब्दील हो जाता था. अधजले मकान, शवों से पटे श्मशान और अपने सपनों का आशियाना छोड़ने को मजबूर लोग, उत्तर प्रदेश पूरी तरह से निरुत्तर हो चुका था. अपने दामन पर लगे दागों को समेट बस राम का इंतजार कर रहा था उत्तर प्रदेश. वर्षों की थकान समेट कर सरयू तट पर बैठा उत्तर प्रदेश यही पुकारता रहा कब आओगे राम?

अपराध प्रदेश बना चुके उत्तर प्रदेश में 19 मार्च 2017 में एक नई भोर हुई, इसी दिन मुख्यमंत्री पद के लिए एक योगी ने शपथ ली. उत्तर प्रदेश उत्तर मांग रहा था और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी कार्यप्रणाली से एक-एक सवालों का उत्तर देना शुरू कर दिया. जो कभी नहीं हुआ, वो बीते 5 वर्षों में हुआ. भगवान श्री राम का वनवास खत्म हुआ और मजबूरी और मुफलिसी से जूझ रही अयोध्या में फिर राम के स्वागत में दिवाली मनाई जाने लगी. मंदिर-मस्जिद विवाद बिना किसी शोर के खत्म हो गया. महिलाओं की सुरक्षा पुख्ता हो गई. सड़कों के लुटेरे जेल के अंदर जाने लगे. अस्पतालों में जंग लग चुकी व्यवस्था फिर से उठ खड़ी होने लगी. गरीब और बेसहारों को मुफ्त में इलाज और अनाज मिलने लगा. जमीन के अंदर दफन हो चुकी यूपी की सभ्यता और संस्कृति फिर से अंगड़ाइयां लेने लगी और उत्तर प्रदेश उत्तम प्रदेश की बनने की तरफ बढ़ने लगा.

सरयू का किनारा फिर दीपोत्सव मना रहा है, क्योंकि राम फिर अपने राज्य में वापस आ गए हैं और कई दशकों से इंतजार कर रहा पूरा उत्तर प्रदेश रामराज में सांस ले रहा है। अपनी विराट संस्कृति और परंपरा को संजो कर प्राचीनता और नवीनता के संतुलन को बनाए हुए उत्तर प्रदेश आधुनिकता और विकास में अभूतपूर्व प्रगति कर रहा है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राज्य में विकास, माफिया, मच्छर और गंदगी से मुक्त होने की नई कहानी लिख रहे हैं. रामराज की कल्पना को साकार करने को लेकर सीएम योगी प्रदेश में एक के बाद एक कई फैसले करते रहे और बरसों से कराहती जनता को सुकून धीरे-धीरे मिलने लगा.

सच कहा गया है जब किसी भी चीज का अंत नजदीक आता है तो वो अपने चरम पर पहुंच जाता है, उत्तर प्रदेश के साथ भी कुछ ऐसा हुआ. यहां अपराध, आतंक और अन्याय अब जड़ से मिटने जा रहा है, क्योंकि अब यहां फिर से रामराज आ रहा है. अपराधी तख्ती पकड़ कर थाने घूम रहे हैं, दंगाई प्रदेश छोड़ चुके हैं, धर्म के आधार पर ऊंच-नीच बंद हो चुका है. प्रदेश का स्वास्थ्य पहले से बेहतर हो चुका है और कानून व्यवस्था शांति व्यवस्था बनाने में सफल हो रही है.

Source : Pranav Jha

UP CM Yogi Adityanath ram-mandir up latest news ramraj up history ramraj in india ramraj in uttar pradesh
      
Advertisment