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Modi Surname Case: क्या SC का फैसला राहुल गांधी के लिए बना संजीवनी? जानें कितनी मिली राहत   

Modi Surname Case: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राहुल गांधी के लिए संसद के दरवाजे दोबारा खुल जाएंगे, वहीं वायनाड सीट पर 2024 में वे लोकसभा चुनाव भी लड़ सकेंगे.

Updated on: 04 Aug 2023, 06:18 PM

highlights

  • राहुल गांधी के लिए शुक्रवार का दिन शुभ संकेत लेकर आया है
  • सूरत की नि​चली अदालत ने राहुल गांधी को दो​षी करार दिया था

नई दिल्ली:

कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी के लिए शुक्रवार का दिन शुभ संकेत लेकर आया है. मोदी सरनेम के मामले में उन्हें बड़ी राहत मिली है. सूरत की नि​चली अदालत ने राहुल गांधी को दो​षी करार दिया था. इसके साथ सजा भी सुनाई थी. इस फैसले के बाद राहुल गांधी की संसद सदस्यता चली गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने अब राहुल गांधी को दोषी ठहराए जाने के साथ सुनाई गई सजा पर रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट के अनुसार, जब तक राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई पूरी नहीं हो जाती है तब तक दोषसिद्धि पर पांबदी लगी रहेगी. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को अधिकतम सजा सुनाए जाने पर भी सवाल खड़े किए हैं. सुप्रीम कोर्ट का ये निर्णय राहुल गांधी, कांग्रेस पार्टी और विपक्षी गठबंधन के लिए कई मायनों काफी खास माना जा रहा है. 

 

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इसे लेकर कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला ने कहा,'सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में लोकतंत्र, संवैधानिकता और सत्य की जीत के सिद्धांत में आम लोगों के विश्वास को फिर से स्थापित किया है.' वहीं केरल कांग्रेस नेता रमेश चेन्निथला का कहना है कि केरल के लोग, विशेषकर वायनाड के लोग खुश होंगे क्योंकि उन्हें अपना सांसद वापस मिल गया है. भाजपा को इस मुद्दे पर माफी मांगनी चाहिए. भारत की सर्वोच्च अदालत को एहसास हुआ कि यह राहुल गांधी को चुप कराने का एक प्रयास है.

कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी का कहना है कि "आप संसद परिसर में हर जगह 'सत्यमेव जयते' देखेंगे. राहुल गांधी के खिलाफ साजिश आज विफल हो गई है. राहुल गांधी की जीत सत्ताधारी पार्टी पर भारी पड़ेगी."

 

बहाल हो सकती है संसद सदस्यता

सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के साथ ही राहुल गांधी के लिए संसद का रास्ता दोबारा खुल जाएगा. अब राहुल लोकसभा की सदस्यता बहाल हो सकती है.  राहुल को संसद की सदस्यता के अयोग्य करार देने के बाद अगर वायनाड सीट पर उपचुनाव हो गए होते तब उनकी सदस्यता बहाल नहीं हो पाती. वायनाड में अभी तक उपचुनाव नहीं हुए हैं. ऐसे में राहुल 2024 में लोकसभा चुनाव भी लड़ सकेंगे. अगर सुप्रीम कोर्ट से राहुल गांधी को सजा और दोषी करार दिए जाने के निचली अदालत के निर्णय पर पाबंदी नहीं लगाई होती तो वे 2024 का लोकसभा चुनाव नहीं खड़े हो पाते.

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