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यूपी में कांग्रेस को मजबूत करने के लिए प्रियंका गांधी ने बनाए ये तीन फॉर्मूले 

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में बुरी तरह से मुंह की खाने के बाद कांग्रेस पार्टी एक बार फिर से सूबे में अपने को मजबूत करने की रणनीति बना रही है.

Updated on: 01 May 2022, 07:32 PM

नई दिल्ली:

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में बुरी तरह से मुंह की खाने के बाद कांग्रेस पार्टी एक बार फिर से सूबे में अपने को मजबूत करने की रणनीति बना रही है. बताया जा रहा है कि कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव व यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने प्रदेश पदाधिकारियों के संग गंभीरता से विचार कर कुल तीन विकल्प चुने हैं और कांग्रेस को पुर्नजीवित करने के लिए इन तीनों विकल्पों को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के पास विचारार्थ भेजा. अब इंतजार है कांग्रेस अध्यक्ष की सहमति का.

पिछले दो चुनावों से प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश कांग्रेस को पुनर्जीवित करने का प्रयास कर रही हैं. चाहे 2019 के लोकसभा चुनाव की बात करें और चाहे 2022 के विधानसभा चुनाव की बात करें दोनों ही चुनाव में प्रियंका गांधी को उत्तर प्रदेश में मुंह की खानी पड़ी, लेकिन प्रियंका गांधी उसके बाद भी यूपी में कांग्रेस के लिए संघर्ष कर रही हैं. हालांकि उनका यह संघर्ष दिल्ली में बैठकर वातानुकूलित कमरे में चल रहा है और यहां कांग्रेस वीरान पड़ी है एवं इसी से निपटने के लिए प्रियंका गांधी ने तीन फार्मूले बनाए, वह तीनों फार्मूले क्या है आपको एक-एक करके समझाते हैं.

प्रदेश इकाई की गतिविधियां ठप हैं. सूत्रों के अनुसार, यूपी में एक बार फिर से कांग्रेस का जलवा कायम हो इसके लिए पहला विकल्प पार्टी के किसी वरिष्ठ नेता की अगुवाई में नई उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी का गठन करे. दूसरा- प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के साथ चार या पांच कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाएं. तीसरा विकल्प- पश्चिमी यूपी, बुंदेलखंड, अवध क्षेत्र और पूर्वी यूपी चार स्वतंत्र क्षेत्र में बांटते हुए अलग-अलग कमेटियां घोषित की जाएं.

बात जब कांग्रेस की हो तो बीजेपी के नेताओं के चेहरे पर नाहक ही हंसी आ जाती और यही वजह है कि बीजेपी के नेता भी इसका जवाब मुस्कुराते हुए देते हैं. बीजेपी का मानना है कि उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी टूरिज्म पॉलिटिक्स पराई पार्टी को अभी तक ना ही कोई राष्ट्रीय अध्यक्ष मिला है और ना ही कोई प्रदेश अध्यक्ष मिला है. ऐसे में प्रियंका गांधी अपने वातानुकूलित कमरे में बैठकर कांग्रेस के लिए जो भी सपना देखना चाहे वह देख सकती हैं उन्हें अधिकार है.

प्रियंका गांधी का यह फार्मूला कितना काम करेगा, कांग्रेस को पुनर्जीवित करने में यह कह पाना तो अब बहुत मुश्किल है, लेकिन एक बात जरूर है कि अगर पार्टी पुराने नेताओं को फिर से संगठित कर लेगी तो कांग्रेस की चर्चा एक बार फिर शुरू हो जाएगी और उसे राजनीति में उत्तर प्रदेश में गंभीरता से लिया जाने लगेगा.