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पंजशीर की जंग में पाकिस्तान का दखल और अफगानिस्तान के लोगों का गुस्सा

प्रदर्शनकारी गो-बैक पाकिस्तान और आजादी-आजादी के नारे लगा रहे हैं. 

Updated on: 08 Sep 2021, 07:21 AM

नई दिल्ली:

तालिबान ने काबुल में फायरिंग की है. बताया जा रहा है कि यहां पाकिस्तान विरोधी रैली में शामिल लोगों को डराने के लिए तालिबान ने हवाई फायरिंग की है. इससे मची भगदड़ में कई महिलाओं और बच्चों के घायल होने की खबर है. दरअसल, पंजशीर की जंग में पाकिस्तान के दखल और तालिबान का साथ देने से अफगानिस्तान के लोगों में काफी गुस्सा है और वो लगातार पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शनकारी गो-बैक पाकिस्तान और आजादी-आजादी के नारे लगा रहे हैं. काबुल स्थित पाकिस्तानी दूतावास के बाहर चल रहे ऐसे ही एक प्रदर्शन में लोगों को तितर-बितर करने के लिए तालिबान ने हवाई फायरिंग कर दी.

इन प्रदर्शनों में बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हो रही हैं. वैसे तो अफगानिस्तान के अलग-अलग शहरों में महिलाएं पिछले कई दिनों से अपने अधिकारों के लिए प्रदर्शन कर रही हैं, लेकिन काबुल में पहली बार रात में प्रदर्शन हुए हैं. 

इस बीच, तालिबान ने पंजशीर की जंग जीतकर पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा होने का दावा किया है. बताया जा रहा है कि तालिबान ने पाकिस्तान की मदद से ये लड़ाई जीती है. रेजिस्टेंस फोर्स की अगुआई कर रहे अहमद मसूद ने भी कहा है कि पाकिस्तान वायुसेना लगातार हमले कर रही है, ताकि तालिबान आगे बढ़ सके. रेजिस्टेंस फोर्स की असली लड़ाई पाकिस्तानी सेना और ISI से है, जो इस जंग में तालिबानियों के साथ है.

इस बीच, तालिबान ने अफगान नागरिकों को जबरन रोके जाने की खबरों का खंडन किया है. तालिबान ने कहा है कि जिन अफगान नागरिकों के पास वैलिड वीजा और पासपोर्ट हैं, उन्हें इवैक्यूएशन फ्लाइट्स में यात्रा  करने से नहीं रोका जाएगा. तालिबान का ये बयान मजार-ए-शरीफ शहर से आ रही रिपोर्ट को लेकर है, इनमें कहा गया था कि अफगान नागरिकों को देश से बाहर जाने से रोका जा रहा है.

मजार-ए-शरीफ इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर मौजूद तालिबान कमांडर हाफिज मंसूर ने कहा है कि चार फ्लाइट्स में से सिर्फ एक फ्लाइट में हमने कुछ लोगों को नहीं बैठने दिया है क्योंकि इन लोगों के पास वैलिड वीजा और पासपोर्ट नहीं थे. 

अफगानिस्तान में तालिबान ने नए सरकार का ऐलान कर दिया है.उधर, अमेरिका ने तालिबानी सरकार को मान्यता देने से इनकार कर दिया है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि तालिबान को मान्यता देना नामुमकिन है.