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ऑपरेशन देवीशक्ति, अफगानिस्तान से भारत ने 669 लोगों को अब तक निकाला

ऑपेरशन देविशक्ति के तहत शुक्रवार रात 104 लोगों को काबुल से भारत लाया गया, जिसमें 94 अफगानी और 10 भारतीय शामिल हैं.

Updated on: 11 Dec 2021, 12:48 PM

highlights

  • इस ऑपेरशन के तहत अब तक 669 लोगों को आतंक की जमीन से सकुशल निकाला जा चुका है
  • इसमें भारतीय और अफगानी मूल के लोग भी शामिल हैं

नई दिल्ली:

अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी के बाद उपजे आतंकी और मानवीय संकट के बीच भारत का ऑपेरशन देविशक्ति जारी है. इस ऑपेरशन के तहत अब तक 669 लोगों को आतंक की जमीन से सकुशल निकाला जा चुका है, जिसमें भारतीय और अफगानी मूल के लोग भी शामिल हैं. तालिबान के सत्ता में आने के बाद काबुल एयरपोर्ट पर मचे बवाल और देश के अन्य हिस्सों में पैदा हुए आतंक के वातावरण में कुछ महीनों तक इस ऑपेरशन पर विराम लगा रहा, लेकिन अब बदले माहौल में भारत ने फिर से रेस्क्यू का सबसे बड़ा ऑपेरशन  चालू कर दिया है.

ऑपेरशन देविशक्ति के तहत शुक्रवार रात 104 लोगों को काबुल से भारत लाया गया, जिसमें 94 अफगानी और 10 भारतीय शामिल हैं. अफगानी मूल के लोगों में ज्यादातर माइनॉरिटी कम्युनिटी के लोग हैं, जो तालिबान के आने के बाद मानवीय और धार्मिक संकट से जूझ रहे थे. ये लोग अपने साथ पवित्र गुरुग्रन्थ साहब के दो स्वरूप और प्राचीन हिन्दू मनुस्क्रिप्ट भी लेकर आए है.

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ऑपेरशन देविशक्ति के तहत अगस्त में 565 लोगों को अफगानिस्तान से आनन-फानन  में निकाला गया था, जब तालिबान ने अफगानिस्तान की लोकतांत्रिक सरकार को सत्ता से बेदखल कर एक गंभीर संकट पैदा किया था और आतंक के माहौल में भारत ने एक के बाद एक अपने दूतावास में सीधा ऑपेरशन बंद कर दिया था.

संकट से जूझते अफगानिस्तान में भारत ने मानवीय सहायता के लिए भी हाथ बढ़ाया है. शुक्रवार को काबुल से आई फ्लाइट वापसी में भारत से जरूरी दवाओं की खेप लेकर जाएगी, जिसे काबुल स्थित इंदिरा गांधी चिल्ड्रन हॉस्पिटल में WHO की सहायता से मरीजों को दिया जाएगा. अफगानिस्तान में मानवीय सहायता के लिए भारत ने एक बड़ी कॉन्फ्रेंस भी दिल्ली में की थी और इसी कॉन्फ्रेंस का परिणाम था की पाकिस्तान ने भारत के मानवीय सहायता को अफगानिस्तान तक जाने के लिये अपना बॉर्डर खोला. इसके तहत भारत से 50 हजार मैट्रिक टन गेहूं भेजा जाएगा.