logo-image

यूपी के हाट का बजा डंका, जानें किन जिलों की क्या हैं खास चीजें

यूपी वो राज्य यही नहीं है, जो देश के प्रधानमंत्री को गद्दी तक लेकर जाता है. बल्कि यूपी ऐसा राज्य है, जहां उसके अपने कारीगर हर जिले के अपने-अपने पहचान रखते हैं और इसी पहचान का नाम है- एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी).

Updated on: 07 May 2022, 08:22 PM

लखनऊ:

यूपी वो राज्य यही नहीं है, जो देश के प्रधानमंत्री को गद्दी तक लेकर जाता है. बल्कि यूपी ऐसा राज्य है, जहां उसके अपने कारीगर हर जिले के अपने-अपने पहचान रखते हैं और इसी पहचान का नाम है- एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी). इसको समझने के लिए आपको बताते हैं कि आयुर्वेद अमृत कहा जाने वाला आंवला लेना हो तो प्रतापगढ़ चले जाएंगे, शादी विवाह से लेकर के बड़े-बड़े रस्मों में बनारसी साड़ी के धूम देश तक में और विदेश तक है, खेल के मैदान की खेल सामग्री आपको मेरठ में मिल जाएगी.

घर के सजाने की चीजें बागपत से मिल जाएगी, दूध दही-देसी घी औरैया से, बलरामपुर की दाल और बच्चों के खिलौने चित्रकूट से, सजावटी टेरी कोटा का गोरखपुर का काम दूर तक बोलता है. अलीगढ़ का ताला, बदायूं की दरी, बहराइच के गेहूं के हस्तकला, बलिया की बिंदी तो लखनऊ का चिकनकारी यर तो चंद जिले बताए हैं. 75 के 75 जिले अपनी अलग पहचान रखते हैं. अच्छी और अलग बात हुई है कि हुनर जो पुरखों से होते हुए परंपरा बनी इन कारीगरों ने संभाली भी और उसे आगे बढ़ाया. 

अब लाखों कारीगरों को सरकार 2018 से लगातार मदद कर रही है. बैंक से लोन मुफ्त में कारीगरी का सामान दिया गया है और इस बार इन 5 सालों में डेढ़ लाख से ज्यादा कारीगरों को मुफ्त में सामान के साथ-साथ उन्हें अपने रोजगार को आगे बढ़ाने के लिए बैंक से लोन भी दिया जाएगा. अर्थशास्त्री कहते हैं कि ओडीओपी वह फार्मूला है, जहां लाखों लोगों को रोजगार उपलब्ध हो सकते हैं तो वहीं प्रदेश के जीडीपी में अच्छा खासा योगदान हो सकता है.

सरकार इन्हीं बातों को लेकर के इस ODOP प्रोजेक्ट को एक विजन से लेकर चल रही है, जो यूपी की अर्थव्यवस्था और रोजगार की समस्या दोनों को ही सकारात्मक रूप से हल करके आगे बढ़ाएगी. योगी सरकार ओडीओपी (एक जिला एक उत्पाद) के उत्पादों को बिक्री को अगले पांच वर्षों में दोगुना करेगी. 1.5 लाख पारम्परिक कामगारों को प्रशिक्षित किया जाएगा और उन्हें टूलकिट दिया जाएगा. साथ ही कारोबार के लिए ऋण भी उपलब्ध कराया जाएगा.

योगी सरकार लोगों को रोजगार से जोड़ने के लिए सतत प्रयत्नशील है. सरकार का लक्ष्य है कि अगले पांच वर्षों में प्रत्येक परिवार से कम से कम एक व्यक्ति को रोजगार उपलब्ध कराया जाए. ओडीओपी योजना को मिशन मोड़ पर चलाने के लिए सरकार ने निर्देश दिए हैं. सरकार का लक्ष्य है कि अगले दो वर्ष में ओडीओपी योजना के तहत 19 सामान्य सुविधा केंद्र को शुरू किया जाएगा और 15 सामान्य सुविधा केंद्रों का शिलान्यास किया जाएगा. इसके साथ ही 5 सामान्य सुविधा केंद्रों का जल्द उद्घाटन किया जाएगा.

ओडीओपी योजाना की शुभारंभ वर्ष 2018 में हुआ. इसका मुख्य उद्देश्य उत्तर प्रदेश के पारंपरिक उत्पादों की पहचान, उत्पादों की बिक्री को बढ़ावा देना और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है. साथ ही कुशल कामगारों के पलायन को भी रोकना है. इसके लिए सरकार ओडीओपी उत्पादों के उत्पादन से बिक्री तक आसान बना रही है.
 
योगी सरकार ओडीओपी योजना के तहत वित्त, विपणन, प्रौद्योगिकी, डिजाइन, पैकेजिंग आदि चुनौतियों के समाधान के लिए विभिन्न संगठनों/संस्थानों के साथ मिलकर काम कर रही है. सभी ई-कामर्स प्लेटफार्मों पर ओडीओपी उत्पादों की बिक्री की जा रही है. इसके तहत फ्लिपकार्ट पर 1000 करोड़ से अधिक के ओडीओपी उत्पाद की बिक्री हो चुकी है. पिछले पांच वर्षों में प्रदेश सरकार ओडीओपी वित्त पोषण योजना के तहत 1088 करोड़ रुपये व्यय कर चुकी है और 1,09,334 रोजगार का सृजन हुआ है.