अब 13 घंटे में दिल्ली टू मुंबई, नए भारत का Super Highway
इस हाइवे की सड़कें ऐसी होंगी कि जरुरत पड़ने पर यहां पर लड़ाकू विमानों की भी लैंडिंग कराई जा सकेगी.
नई दिल्ली:
आज पूरी दुनिया तरक्की के आसमान को छूते हिन्दुस्तान की तस्वीर देख रही है. ऐसा एक्सप्रेस-वे जो न्यू इंडिया के सपने का प्रतीक है. जो सुविधाएं, जो इंफ्रास्ट्रक्चर अमेरिका सहित दूसरे विकसित देशों की शान के प्रतीक हैं. वही सपने अब हिन्दुस्तान में साकार होने वाले है. देश के सबसे लंबे एक्सप्रेस वे का निर्माण हो रहा है जो राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और देश की औद्योगिक राजधानी मुंबई को जोड़ता वे है, जिससे दिल्ली से मुंबई का सफर आधा हो जाएगा. मजबूत इन्फ्रास्ट्रक्टर मजबूत देश की पहचान होता है. और इस कल्पना की नींव 1998 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने डाली थी..अटल बिहारी वाजपेयी का सपना आज साकार होता हुआ नजर आ रहा है. भारत माला प्रोजेक्ट मजबूत देश की मजबूत कहानी का प्रतीक है.
इस प्रोजेक्ट के तहत देश के 550 जिलों, और 10 से ज्यादा राज्यों को सड़क मार्ग से जोड़ा जा रहा है. और इसी प्रोजेक्ट का सबसे सुपर हाईवे है दिल्ली-मुंबई हाइवे है. इस एक्सप्रेस-वे की एक नहीं हजार खासियतें है. सबसे बड़ी खासियत है कि इसके बनने के बाद दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर सफर जो पहले करीब 24 घंटे हुआ करता था. वो महज 13 घंटे हो जाएगा. यानी करीब 11 घंटे की बचत होगी.खास बात ये कि एक्सप्रेस वे पर 120 की स्पीड से वाहन फर्राटा भर पाएंगे.
अगर इस हाईवे की खासियत के बारे में बात करें तो इसे हाईटेक तकनीकि से बनाया जा रहा है. दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे 12 लेन का होगा, जिसकी लंबाई करीब 1250 किलोमीटर है. जिस राज्यों से ये हाइवे गुजरेगा, वहां के लोगों को भी काफी फायदा होने वाला है. खासतौर से हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र वो राज्य हैं. जगां से ये एक्सप्रेस वे गुजरेगा.
हरियाणा में करीब 80 किलोमीटर, राजस्थान में 380 किलोमीटर, मध्य प्रदेश में 120 किलोमीटर, गुजरात में 300 किलोमीटर, और महाराष्ट्र में 370 किलोमीटर का हिस्सा आता है. आने वाले वक्त में ये देश का बड़ा रोजगार का माध्यम भी बनने वाला है. साथ ही अर्थव्यवस्था की रफ्तार को भी इस हाईवे से नई उड़ान मिलने वाली है. इसके निर्माण में 12 लाख टन स्टील और 18 लाख टन सीमेंट का प्रयोग होगा, 5 साल के अंदर 50 लाख मानव दिन के प्रत्यक्ष रोजगार सर्जन होंगे भारत की कुल स्टील और सीमेंट उत्पादन का 2% अकेले इसी हाईवे के निर्माण में लगेगा.
इस हाइवे की सड़कें ऐसी होंगी कि जरुरत पड़ने पर यहां पर लड़ाकू विमानों की भी लैंडिंग कराई जा सकेगी. दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस-वे भारत माला प्रोजेक्ट का एक हिस्सा भर है. इसके तहत 19 हाईवे ऐसे तैयार किए जा रहे हैं, जहां फाइटर जेट्स की लैंडिंग होगी. दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे की बात की जाए तो यहां हेलिकॉप्टर और ड्रोन की लैंडिंग की भी व्यवस्था की जा रही है. जाहिर है ये एक्सप्रेसवे दूसरे राजमार्गों के दबाव को कम करेगा. दिल्ली में गाड़ियों से होने वाला प्रदूषण भी कम होगा. अच्छी बात ये कि प्रोजेक्ट के निर्माण के लिए पर्यावरण का भी खास ध्यान रखा जा रहा है. एक्सप्रेसवे पर टोल कलेक्शन रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन तकनीक के जरिए होगा. इसमे 2 कॉरोडोर अलग से बन रहे हैं. जाहिर है श्रेष्ठ भारत के सपने को साकार करने की दिशा में ये प्रोजेक्ट एक और बड़ा कदम है.
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