logo-image

नरोत्तम मिश्रा के निवास पर जेपी नड्डा की हाई-टी, जानें क्या हैं सियासी मायने

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का भोपाल दौरा जहां एक तरफ सत्ता संगठन के तालमेल और पार्टी में जान फूंकने के लिहाज से बेहद खास था.. तो दूसरी तरफ सियासी संदेशों के लिहाज से भी अहम रहा.

Updated on: 04 Jun 2022, 09:38 PM

नई दिल्ली:

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का भोपाल दौरा जहां एक तरफ सत्ता संगठन के तालमेल और पार्टी में जान फूंकने के लिहाज से बेहद खास था.. तो दूसरी तरफ सियासी संदेशों के लिहाज से भी अहम रहा. इस दौरान नड्डा ने एक तरफ जहां सत्ता और संगठन के कामकाज की तारीफ कर बड़े बदलाव की अटकलों पर विराम लगा दिया तो दूसरी तरफ टिकट की राह तक रहे नेता पुत्रों को टिकट ना देने की बात कह परिवारवाद की लाइन को भी स्पष्ट कर दिया. मगर सियासत में कहकर दिए जाने वाले संदेशों से ज्यादा मायने संदेशों की सियासत के होते हैं. और कुछ यही जेपी नड्डा के भोपाल दौरे में भी देखने को मिला.

जब वो अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम में एन वक्त पर जरूरी बदलाव कर नरोत्तम मिश्रा के घर जा पहुंचे और बिना कुछ कहे ये संदेश दे दिया कि शिवराज कैबिनेट के कद्दावर और प्रदेश विधानसभा के अंदर शिवराज के बाद नंबर दो नरोत्तम मिश्रा को इग्नोर नहीं किया जा सकता. जिनका पार्टी में दबाव और देश-प्रदेश की राजनीति में प्रभाव बरकरार है. कभी शिवराज के प्रतिस्पर्धी तो कभी संकटमोचक के तौर पर नजर आने वाले नरोत्तम मिश्रा ना सिर्फ अपनी हार्ड कोर हिंदुत्व की छवि और राजनीतिक रणनीतियों के लिए जाने जाते हैं, बल्कि उनकी मेहमान नवाजी के चर्चे भी चहुंओर है.

मुख्यमंत्री हो या महामंत्री, नेता हो या कार्यकर्ता, संघटक हो या समन्वयक, पार्टी अध्यक्ष हो या पत्रकार.. हर कोई उनकी मेहमान नवाजी का कायल रहा. और अब इस फेहरिस्त में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का नाम भी जुड़ गया. ये सिलसिला यहीं नहीं थमता. अपने राजनीतिक विरोधियों को भी नरोत्तम मिश्रा ने अपनी मेजबानी का मुरीद बना रखा है. यही वजह है कि सियासी हल्को में अमित शाह के करीबी और मध्य प्रदेश की राजनीति के सुपर हीरो कहे जाने वाले नरोत्तम मिश्रा का पैर पार्टी में अंगद की तरह जमा है.