केजरीवाल के बिहारीवाले बयान पर हायतौबा न करें, उसके अर्थ को समझें...बिहार में आज तक नहीं है अच्छा अस्पताल

बिहार सरकार के अस्पतालों की स्थिति बेहद खराब है, छोटे से छोटे और बड़े से बड़े बीमारी को लेकर बिहारी दिल्ली का रुख करते हैं

बिहार सरकार के अस्पतालों की स्थिति बेहद खराब है, छोटे से छोटे और बड़े से बड़े बीमारी को लेकर बिहारी दिल्ली का रुख करते हैं

author-image
Sushil Kumar
New Update
arvind kejriwal

अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो)

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बिहारियों को लेकर ऐसा बयान दिया है. जिसको लेकर उनके बयान को विवादित बताया जा रहा है. क्या वाकई उनका बयान विवादित है? या उनकी जुबान फिसल गई है. हो सकता है कई लोग इससे इत्तेफाक रखते हों, लेकिन मुझे नहीं लगता केजरीवाल का बयान विवादित है. केजरीवाल ने अपने बयान से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आईना दिखाया है. नीतीश कुमार को बताया कि आपका बिहार कहां से कहां तक पहुंच गया है.

Advertisment

यह भी पढ़ें- CM अरविंद केजरीवाल बिहारीवाले बयान पर यू-टर्न, बोले- दिल्ली सबकी है...

इस सच्चाई से मुंह नहीं फेरा जा सकता है कि बिहार के लोगों को सरकार की तरफ से अच्छे स्वास्थ्य का लाभ नहीं मिलता है. बिहार सरकार के अस्पतालों की स्थिति बेहद खराब है. छोटे से छोटे और बड़े से बड़े बीमारी को लेकर बिहारी दिल्ली का रुख करते हैं. ये सोचकर कि अच्छा और मुफ्त इलाज मिले. ये सुविधा बिहार में भी हो सकती है. बिहार में भी बीमारी का इलाज हो सकता है. अगर सरकार चाहे तो. आए दिन दिल्ली एम्स में बिहारी मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. क्या नीतीश कुमार को इसपर सोचने की जरूरत नहीं है?

यह भी पढ़ें- अयोध्या सुनवाई: राम जन्म स्थान पर मंदिर बनना जरूरी ताकि रामनवमी मन सके

एम्स तो पटना में भी है, लेकिन वहां पूरी सुविधा क्यों नहीं मिल पा रही है? न केवल एम्स में दिल्ली सरकार के कई अस्पतालों में बिहारी मरीजों की संख्या बढ़ी है. इसके कई कारण हैं. पहला लोगों के पास पर्याप्त धन नहीं है. जिससे वह निजी अस्पतालों में इलाज करा सके. दूसरा कारण है कि लोगों को इलाज पर भरोसा नहीं है, इसलिए दिल्ली कूच करते हैं. ताकि उन्हें संतुष्ट और सस्ता इलाज मिल सके. आप स्वास्थ्य को छोड़िए लोगों को नौकरी नहीं मिल रही है. बिहार के कई लोग 8 हजार 10 हजार रुपये की सैलरी पर दिल्ली में काम कर रहे हैं. बिहारी दिल्ली में मजदूरी करते हैं. माथे पर ईंट, पत्थर ढोते हैं इसलिए कि उन्हें यहां काम मिला है. यही काम अगर बिहार में मिला होता तो शायद वह 500 रुपये का टिकट कटाकर दिल्ली नहीं आते. वे अपने घर परिवार को भी छोड़ने पर मजबूर नहीं होते. बिहार सरकार अगर बिहारियों के लिए काम की व्यवस्था करे तो शायद स्थिति में बदलाव हो सकती है.

यह भी पढ़ें- PM मोदी ने ऑर्टिकल 370 हटाकर श्यामा प्रसाद मुखर्जी के सपनों को पूरा किया : शाह

दिल्ली देश की राजधानी है, इस पर सबका अधिकार है. ये भी सही है कि दिल्ली केजरीवाल के बाप का नहीं है. तो क्या बिहारी इतने दूर रिक्शा चलाने आए, मजदूरी करने आए, झुग्गी-झोपड़ी में रहकर नरक की जिंदगी जीने पर मजबूर रहे. अगर ये सब करने दिल्ली आना पड़े तो शायद ही यह अधिकार बिहारियों के लिए वाजिब है. केजरीवाल के बयान से बिहारियों को दुखी नहीं होना चाहिए, बल्कि उन्हें केजरीवाल का धन्यवाद देना चाहिए. साथ ही नीतीश कुमार भी केजरीवाल को आईना दिखाने के लिए धन्यवाद दें. सुशासन बाबू के राज्य में हालात अच्छे नहीं हैं. लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. क्योंकि वे स्वास्थ्य, शिक्षा और नौकरी देने में बिफल रहे. वे बाढ़ और बारिश से भी लड़ने में कामयाब नहीं हुए. ये कह देना कि प्राकृतिक आपदा है, इस पर किसी का वश नहीं, तो यह शर्मनाक है. बिहार के मुख्यमंत्री के हाथों में बिहार की इज्जत है. उसे बचाना चाहिए.

यह भी पढ़ें- हनी ट्रैप मामला: आरोपी युवतियों की रिमांड 14 अक्टूबर तक बढ़ी

केजरीवाल ने यही कहा कि बिहार के लोग दिल्ली आकर फ्री इलाज करा रहे हैं. बिहार का एक आदमी पांच सौ रुपये का टिकट लेकर दिल्ली आता है और पांच लाख रुपये का इलाज फ्री कराकर वापस चला जाता है. हालांकि सीएम केजरीवाल ने कहा कि सबका इलाज होने चाहिए, लेकिन दिल्ली की भी अपनी क्षमता है. पूरे देश के लोगों का इलाज कैसे करेगी दिल्ली? इससे बिहारियों की भावना को ठेस पहुंच सकती है. लेकिन सच्चाई यही है, इसे स्वीकार करिए

bihari statement Bihar Nitish Kumar HOSPITAL arvind kejriwal
      
Advertisment