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चीन फिर बुन रहा है साजिशों का जाल!

चीन सरहद पर बारूदी जखीरा जमा कर रहा है। ड्रैगन LAC पर आर्मी की तैनाती बढ़ा रहा है। चीन सरहद पर फाइटर जेट उड़ाकर धौंस दिखा रहा है। चीनी फौज हिंदुस्तान से लगती सीमा पर टेंशन को हवा दे रही है।

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Mohit Sharma
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China( Photo Credit : सांकेतिक ​तस्वीर)

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चीन सरहद पर बारूदी जखीरा जमा कर रहा है। ड्रैगन LAC पर आर्मी की तैनाती बढ़ा रहा है। चीन सरहद पर फाइटर जेट उड़ाकर धौंस दिखा रहा है। चीनी फौज हिंदुस्तान से लगती सीमा पर टेंशन को हवा दे रही है। लद्दाख और अरूणाचल के मोर्चे पर चीन अपनी साजिशों का जाल बुन रहा है। पहले डोकलाम और फिर पूर्वी लद्दाख में हिंदुस्तान के शूरवीरों ने जिस तरह से चीनी फौज को उल्टे पैर भागने पर मजबूर कर दिया। भारत के बाहुबलियों ने ड्रैगन के हर कदम को जिस तरह से रोक दिया उसने चीन बौखलाया हुआ है। हिंदुस्तान के हाथों हर मोर्चे पर शिकस्त खा चुका ड्रैगन दगाबाजी से बाज नहीं आ रहा है। लद्दाख में ही नहीं बल्कि अरुणाचल प्रदेश में भी चालें चल रहा है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अरुणाचल प्रदेश में घुसपैठ कर रहे चीनी सैनिकों की भारतीय जवानों से झड़प हुई है। अरुणाचल प्रदेश में LAC पर चीन के 200 सैनिक तिब्बत की तरफ से भारतीय सीमा में घुस आए। दावा किया जा रहा है कि पेट्रोलिंग के दौरान सीमा विवाद को लेकर दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने हो गए थे और घंटों तक ये सिलसिला चला। तवांग इलाके में घुसपैठ करने वाले चीनी सैनिकों को भारतीय जवानों ने वहीं रोक दिया। जब भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को वापस लौटने को कहा तो कुछ वक्त के लिए माहौल गरम हो गया। चीनी सैनिक लौटने के तैयार नहीं हुए। इस दौरान सैनिकों में नोकझोंक भी हुई। हालांकिं प्रोटोकॉल के मुताबिक बातचीत से विवाद सुलझा लिया गया।

तवांग में हुई घुसपैठ के बाद इस बात की तस्दीक हो गई कि अरुणाचल से सटी सीमा पर चीन एक्टिव है। करीब 9 महीने पहले भी एक मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि चीन ने अरुणाचल में भारत की सीमा से साढ़े चार किलोमीटर अंदर एक गांव बसा लिया है। इसमें 100 से ज्यादा घर बनाए गए हैं। LAC से सटे इलाके में गांव बसाने की सैटेलाइट तस्वीरें भी सामने आई थी। सिर्फ अरूणाचल के मोर्चे पर ही नहीं, इसी साल अगस्त महीने में चीन के 100 से ज्यादा सैनिकों ने उत्तराखंड के बाराहोती में घुसपैठ की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक घोड़ों पर आए चीनी सैनिकों ने भारतीय सीमा में घुसकर तोड़फोड़ की। इससे पता चलता है कि चीन सर्दियों से पहले किसी खौफनाक प्लान को अंजाम देने की फिराक में है। मुमकिन है कि चीन ये टेस्ट भी कर रहा हो कि जब सर्दियां शुरू होंगी तो क्या उसकी फौज मुकाबला कर पाती है नहीं।

सर्दी से पहले साजिश शुरू —
सर्दियां शुरू होने से पहले ही चीनी सैनिकों का दम फूल रहा है। लाल फौज के खेमे में  बर्फबारी से पहले ही खलबली मची है। हाई एल्टीट्यूड के मोर्चे पर तैनाती का नाम सुनकर ही जिनपिंग के सिपाही कांप रहे हैं। लद्दाख की भीषण ठंड और कम ऑक्सीजन अब चीनी सैनिकों के लिए जानलेवा साबित हो रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अग्रिम मोर्चे पर तैनात चीनी सैनिक और अफसर बड़ी तादाद में पेट से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहे हैं। इसी बीमारी की चपेट में आने से चीनी सेना के सबसे बड़े पश्चिमी थिएटर कमांड के कमांडर की मौत हो गई है। वो मात्र 6 महीने ही लद्दाख की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों को झेल पाया। सर्द मौसम के आगे चीनी फौज कितनी बेबस है। ये इस बात से भी जाहिर होता है कि पिछले नौ महीने में तीन बार चीन को अपने वेस्टर्न थिएटर कमांड के कमांडर को बदलना पड़ा है।

5 साल पहले ही चीनी सेना में बड़े बदलाव के तहत पश्चिमी थिएटर कमांड का गठन किया गया था। ये कमांड चीनी सेना में सबसे बड़ी है। पिछले साल गलवान घाटी में भारतीय जवानों पर खूनी हमला करने वाले चीनी जवान भी इसी कमांड के तहत आते हैं। चीनी सेना की ये कमांड लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक फैले लाइन ऑफ कंट्रोल पर तैनात हैं। लेकिन सर्द आबोहवा में तैनाती के नाम से ही चीनी सेना में खलबली मच जाती है। इसीलिए चीन तिब्बत के स्थानीय युवाओं को भर्ती कर तैयार करने के मिशन में जुटा है ताकि ठंड में वो इन मोहरों के जरिए अपनी साजिश को मुकम्मल कर सके। चीन तिब्बत के युवाओं को जबरन फौज में भर्ती कर रहा है। इसके लिए चीन ने कानून बना दिया है। जिसके तहत तिब्बत के 18 से 40 साल के शख्स को चीनी मिलिशिया में शामिल होना जरूरी है। इतना ही नहीं चीन ऐसे हाई एल्टीट्यूड वाले इलाकों में युद्धाभ्यास कर अपनी ताकत परखने में लगा है। पिछले महीने चीन ने शिनजियांग जिले के ऊंचाई वाले इलाके में युध्दाभ्यास किया था। सबसे चौंकाने वाली बात है कि ये वॉर एक्सरसाइज रात के समय में किया गया था। ताकि चीन हाई एल्टीट्यूड के मोर्चे पर अपनी साजिशों का अमलीजामा बुन सके।

इतना ही नहीं चीनी ऱाष्ट्रपति शी जिनपिंग इसी साल जुलाई महीने में तिब्बत के दौरे पर गए थे। तब जिनपिंग ने ब्रह्मपुत्र नदी का भी दौरा किया था, जिस पर चीन दुनिया का सबसे बड़ा बांध बना रहा है। इसे लेकर चीन का भारत के साथ विवाद चल रहा है। इस दौरे में जिनपिंग ने जिस तरह से अपनी फौज को जंग की तैयारी जारी रखने का आदेश दिया था। उससे साफ जाहिर होता है कि चीन के मंसूबे कितने खतरनाक है।

Source : Satya Narayan

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