जब आरक्षित सीटों का मिला साथ, तब 16 साल बाद बनी पूर्ण बहुमत वाली सरकार

यूपी में सत्ता में बदलाव होगा या सत्ता बनी रहेगी यह बहुत हद तक आरक्षित सीटों के रुख पर भी निर्भर करता है. ज्यादातर उसी पार्टी की सरकार बनती है जिसका प्रदर्शन आरक्षित सीटों पर सबसे शानदार रहता है.

यूपी में सत्ता में बदलाव होगा या सत्ता बनी रहेगी यह बहुत हद तक आरक्षित सीटों के रुख पर भी निर्भर करता है. ज्यादातर उसी पार्टी की सरकार बनती है जिसका प्रदर्शन आरक्षित सीटों पर सबसे शानदार रहता है.

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Deepak Pandey
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UP Assembly Election 2022( Photo Credit : फाइल फोटो)

उत्तरप्रदेश की कुल 403 में 21% यानी 86 सीटें फिलहाल आरक्षित हैं. इसमें 84 सीटें एससी के लिए और 2 सीटें एसटी के लिए आरक्षित हैं. बहुमत के लिए 202 सीटों की जरूरत होती है. बहुमत के लिए जरूरी 202 सीटों के जादुई आंकड़े के लिहाज से देखें, तो आरक्षित सीटें बहुमत की 42.6% बैठती हैं. अब इस आंकड़े से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यूपी में  आरक्षित सीटों की भूमिका यह तय करने में अहम होती है कि प्रदेश में किसकी सरकार बनेगी. आज के एनालिसिस में हम जानेंगे कि पिछले तीन चुनावों से आरक्षित सीटों का रुख क्या रहा है और इसकी क्या भूमिका रही है?

2007 जब 16 सालबादकिसीएकपार्टीकोमिलापूर्णबहुमत

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1991 के बाद से 2007 में पहली बार ऐसा हुआ कि किसी एक पार्टी ने अपने दम पर बहुमत की सरकार बनाई और वह पार्टी थी बसपा. लेकिन क्या आप जानते हैं, बसपा को बहुमत में लाने में अहम भूमिका आरक्षित सीटों की थी. कैसे, आंकड़ों से समझते हैं?

2007 मेंपरिसीमनसेपहले 89 सीटेंआरक्षितथीं

टोटलसीट

403

जनरलसीट

314

78%

आरक्षितसीट

89

22%

सोर्स- ECI डेटा

2007 में बसपा को जनरल 314 सीटों में से 145 पर जीत मिली यानी 46% से थोड़ी ज्यादा सीटें बसपा ने जीत लीं थी लेकिन बहुमत के लिए 50%+1 सीट की जरूरत होती है. इसके उलट बसपा को तब आरक्षित 89 सीटों में से 61 सीटों में जीत मिली यानी बसपा ने 68.53% आरक्षित सीटों पर जीत हासिल की जो कि कुल आरक्षित सीटों का दो तिहाई से ज्यादा बैठता है. इस तरह से कुल मिलाकर बसपा को 206 सीट मिली जो बहुमत के आंकड़े से कहीं ज्यादा थी.

इससे एक बात तो साफ होती है कि 2007 में बसपा को पूर्ण बहुमत दिलाने में आरक्षित सीटों की भूमिका अहम रही थी. हालांकि बसपा ने जनरल सीटों पर भी सबसे अच्छा प्रदर्शन किया था. यह वही चुनाव थे जिसमें बसपा ने ब्राह्मण+दलित की सोशल इंजीनियरिंग की थी. इस समीकरण को सेट करने में बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा का रोल अहम माना जाता है.

अगर दूसरी प्रमुख पार्टियों की बात की जाए तो, 2007 में सपा को 14.6% आरक्षित और 26.75% जनरल सीटें मिली. बीजेपी को 7.86% आरक्षित और 14.01% जनरल सीटों पर सफलता मिली और कांग्रेस को 5.61% आरक्षित और 5.41% जनरल सीटों पर जीत मिली.

2007 मेंआरक्षितसीटोंकेदमसेमिलाबसपाकोबहुमत

पार्टी

आरक्षितसीटोंपरजीत

आरक्षितसीटोंमेंशेयर

जनरलसीटोंपरजीत

जनरलसीटोंमेंशेयर

बसपा

61

68.53%

145

46.17%

सपा

13

14.60%

84

26.75%

बीजेपी

7

7.86%

44

14.01%

कांग्रेस

5

5.61%

17

5.41%

सोर्स- ECI डेटा

2012 में उत्तरप्रदेश ने सत्ता बदलने का ट्रेंड जारी रखा, समाजवादी पार्टी की पूर्ण बहुमत में सरकार बनी, इस चुनाव में भी आरक्षित सीटों का रुख बहुत स्पष्ट था. 2012 में डीलिमिटेशन के बाद आरक्षित सीटों की संख्या 85 हो गई थी और जनरल सीटों की संख्या 318 थी यानी 21% सीटें आरक्षित थीं और 79% जनरल सीटें थीं.

2012 मेंपरिसीमनकेबाद 85 होगईंआरक्षितसीटें

टोटलसीट

403

जनरलसीट

318

79%

आरक्षितसीट

85

21%

सोर्स- ECI डेटा

2012 में समाजवादी पार्टी को सत्ता में लाने में भी आरक्षित सीटों की भूमिका अहम रही. समाजवादी पार्टी को 85 में से 58 आरक्षित सीटों पर जीत मिली यानी सपा ने दो तिहाई से ज्यादा आरक्षित सीटों पर सफलता हासिल की. जनरल सीटों पर भी सपा का प्रदर्शन अच्छा रहा, सपा को 318 में 166 जनरल सीटों पर जीत मिली जो टोटल जनरल सीटों का 52.20% बैठता है.

अगर अन्य पार्टियों की बात करें तो, 2012 में बसपा को 15 यानी 17.64% आरक्षित सीटों पर जीत मिली, वहीं बसपा को 65 यानी 20.44% जनरल सीटों पर जीत मिली थी.

कांग्रेस को 4 यानी 4.70% आरक्षित सीटोें पर जीत मिली थी तो वहीं उसे 24 यानी 7.54% जनरल सीटों पर जीत मिली थी. बीजेपी का प्रदर्शन सबसे बुरा रहा था, बीजेपी को महज 3 यानी 3.52% आरक्षित सीटों और 44 यानी 13.83% जनरल सीटों पर जीत मिली थी.

2012 मेंसपाकाभीस्ट्राइकरेटजनरलसेज्यादाआरक्षितसीटोंपर

पार्टी

एससीसीटोंपरजीत

एससीसीटोंमेंशेयर

जनरलसाटोंपरजीत

जनरलसीटोंमेंशेयर

सपा

58

68.23%

166

52.20%

बसपा

15

17.64%

65

20.44%

कांग्रेस

4

4.70%

24

7.54%

बीजेपी

3

3.52%

44

13.83%

सोर्स- ECI डेटा

2017 में आरक्षित सीटों की संख्या बढ़ाकर 86 कर दी गई थी, इसमें 84 सीटें एससी के लिए आरक्षित थीं और 2 एसटी के लिए, जबकि जनरल सीटों की संख्या 314 थी. इस चुनाव में भी आरक्षित सीटों का रुख बिल्कुल स्पष्ट दिखा.

2017 में 86 थींआरक्षितसीटोंकीसंख्या

टोटलसीट

403

जनरलसीट

317

79%

आरक्षितसीट

86

21%

सोर्स- ECI डेटा

2017 में सारे रिकॉर्ड टूट गए, 86 आरक्षित सीटों में से 70 यानी 81.39% सीटों पर बीजेपी को जीत मिली, जनरल सीटों में बीजेपी ने 242 यानी 76.34% सीटों पर जीत हासिल की. सपा को सिर्फ 7 यानी 8.13% आरक्षित सीटों पर और 40 यानी 12.61% जनरल सीटों पर जीत मिल सकी. बसपा सिर्फ 2 आरक्षित सीटों पर जीत दर्ज कर सकी जबकि जनरल सीटों पर उसका आंकड़ा 17 यानी 5.36% का रहा. कांग्रेस किसी भी आरक्षित सीट पर जीत दर्ज करने में सफल नहीं रही वहीं जनरल सीटों पर भी उसका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा, कांग्रेस को 2017 में 7 यानी 2.20% जनरल सीटों पर ही जीत मिल सकी.

2017 मेंजनरलऔरआरक्षितसीटोंपरकमलहीकमल

पार्टी

आरक्षितसीटोंपरजीत

आरक्षितसीटोंमेंशेयर

जनरलसीटोंपरजीत

जनरलसीटोंमेंशेयर

बीजेपी

70

81.39%

242

76.34%

सपा

7

8.13%

40

12.61%

बसपा

2

2.32%

17

5.36%

कांग्रेस

0

0

7

2.20%

सोर्स- ECI डेटा

इन आंकड़ों के एनालिसिस से जो ख़ास इनसाइट्स मिलते हैं, उनमें सबसे महत्वपूर्ण यह है कि आरक्षित सीटों का रुख उस पार्टी के प्रति बहुत स्पष्ट रहा है, जो सत्ता हासिल करती है. या यूं कहें कि आरक्षित सीटें ज्यादातर किसी एक पार्टी को क्लियर मैंडेट देती हैं न कि मिला-जुला. जिस पार्टी को आरक्षित सीटों पर क्लियर मैंडेट यानी दो तिहाई या उससे ज्यादा सीटें मिलती हैं, अमूमन वही पार्टी सरकार बनाती है. महत्वपूर्ण ट्रेंड यह भी है कि आरक्षित सीटों पर ज्यादातर बदलाव के लिए मतदान होता है.

जीतनेवालीपार्टीकाआरक्षित VS जनरल VS ओवरऑलवोटशेयर

साल

पार्टी

आरक्षितसीटोंपरवोटशेयर

जनरलसीटोंपरवोटशेयर

ओवरऑलवोटशेयर

2007

BSP

33.92%

29.53

30.43%

2012

SP

31.47%

28.51%

29.13%

2017

BJP

40.03%

39.57%

39.67%

सोर्स- ECI डेटा

सवाल यह कि क्या आरक्षित सीटें मौजूदा चुनाव में सभी पुराने ट्रेंड्स को ब्रेक करते हुए सत्ता बनाए रखने के लिए बीजेपी को मैंडेट देंगी? क्या बीजेपी इन सीटों पर अपने प्रदर्शन को दोहरा पाएगी? या फिर आरक्षित सीटें अपने बदलाव वाले ट्रेंड को जारी रखेंगी?

HIGHLIGHTS

  • क्याहैआरक्षितसीटोंकाट्रेंडऔरक्योंसरकारबनानेमेंयेअहम?
  • क्याइसबारभीहोगाबदलावयाबीजेपीकोमिलेगाजीतएकआशीर्वाद?

Source : Purnendu Shukla/Aditya Singh

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