World Toilet Day: क्या आप जानते हैं? भारत में इस जगह मिला था 4500 साल पहले का कमोड जैसा शौचालय, ऐसे फ्लश करते थे लोग

World Toilet Day: वर्ल्ड टॉयलेट डे पर जानें 4500 साल पहले मिले टॉयलेट की कहानी, वे कैसे बने थे और कैसे फ्लश करते थे लोग. खबर में जानें सबसे पुराने टॉयलेट के कहा मिले थे साक्ष्य.

World Toilet Day: वर्ल्ड टॉयलेट डे पर जानें 4500 साल पहले मिले टॉयलेट की कहानी, वे कैसे बने थे और कैसे फ्लश करते थे लोग. खबर में जानें सबसे पुराने टॉयलेट के कहा मिले थे साक्ष्य.

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Jalaj Kumar Mishra
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World Toilet Day commode like toilet was found in India Indus Valley 4500 Years ago how people used flushed

World Toilet Day (NN)

World Toilet Day: आज वर्ल्ड टॉयलेट डे है. विश्व शौचालय संगठन की स्थापना साल 2001 में सिंगापुर के स्वच्छता सुधारक जैक सिम ने की थी. उन्होंने विश्व भर में टॉयलेट और सैनिटेशन के प्रति जागरुकता बढ़ाई. उन्होंने इसे शर्म का नहीं बल्कि समाधान का हिस्सा बनाया. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने साल 2013 में 19 नवंबर को आधिकारिक रूप से विश्व शौचलाय दिवस घोषित किया. 

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आज के आधुनिक युग में विभिन्न सुख-सुविधाओं वाले टॉयलेट्स होते हैं लेकिन क्या आप जानत हैं, दुनिया का सबसे पहला टॉयलेट कहा था और ये कैसे काम करता था. अगर नहीं तो आइये जानते हैं…

ऐसे होते थे टॉयलेट

शौचालयों के परिणाम सबसे पहले सिंधु घाटी सभ्यता में दिखाई देते थे. करीब 4500 साल पहले मोहनजोदड़ो, लोथल, हड़प्पा और धोलावीरा में सबसे पहले शौचालय के सबूत मिले थे. सिंधु घाटी सभ्यता के शौचालय आम तौर पर घरों के अंदर ईंटो से बने छोटे-छोटे कक्ष होते थे. ये आम तौर पर बाहरी दीवारों के साथ और बाथरूम के पास होते थे. इन शौचालयों से निकलने वाले कचरे को खड़ी मिट्टी और ईंटों की ढलानों के जरिए सड़कों के नीचे, ढकी हुई नालियों में डाला जाता था. 

ऐसे यूज करते थे फ्लशिंग

उस जमाने में फ्लशिंग हाथ से की जाती थी. लोग अपने मल को बहाने के लिए घड़े का इस्तेमाल करते थे. घड़े में पानी भर के उसे शौचालय में उलट दिया जाता था, जिससे मल नालियों में चला जाता था. 

ईंट के लीक होने का डर

ईंटों की वजह से पानी का रिसाव होने का डर रहता था. इसलिए नालियों में रिसाव को रोकने के लिए चूने और जिप्सम प्लास्टर का इस्तेमाल किया जाता था. इन्हें सिमेंट की तरह इस्तेमाल किया जाता था, जिससे ईंट लीक नहीं होती थी. 

19 नवंबर को ही क्यों मनाते हैं शौचालय दिवस?

हर साल नवंबर माह की 19 तारीख को टॉयलेट डे इसलिए मनाया जाता है कि विश्व शौचालय संगठन की एनिवर्सरी 19 नवंबर को ही मनाई जाती है. 2013 में संगठन की 12वीं वर्षगांठ थी, जिससे दुनिया याद रखे कि स्वच्छता की लड़ाई लंबे आंदोलन का परिणाम है. 

World Toilet Day
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