मुर्गा यानी चिकन, दुनिया भर में सबसे ज्यादा खाया जाने वाला मांस है. हर साल अरबों चिकन काटे जाते हैं और मांसाहारी लोगों के भोजन का अहम हिस्सा बनते हैं. लेकिन अगर एक दिन अचानक पूरी दुनिया में लोग चिकन खाना बंद कर दें, तो इसके दूरगामी प्रभाव क्या हो सकते हैं. क्या आपने कभी सोचा है? अगर नहीं तो हम कोशिश करेंगे, ये जानने की, ऐसा कुछ एक दिन के लिए होता है तो क्या-क्या हो सकता है?
1. पोल्ट्री उद्योग पर असर
दुनिया भर में पोल्ट्री फार्मिंग एक बड़ा उद्योग है. भारत, अमेरिका, ब्राजील और चीन जैसे देशों में करोड़ों लोग इस व्यवसाय से जुड़े हैं. अगर चिकन की मांग खत्म हो जाए, तो पोल्ट्री फार्म बंद होने लगेंगे, जिससे लाखों लोग बेरोजगार हो सकते हैं.
2. पर्यावरण को राहत
पोल्ट्री फार्मिंग में बड़ी मात्रा में पानी और अनाज की खपत होती है. मुर्गियों की परवरिश के लिए वनों की कटाई भी होती है. अगर चिकन खाना बंद हो जाए, तो कार्बन उत्सर्जन कम होगा, पानी की बचत होगी और पर्यावरण को फायदा पहुंचेगा.
3. खेती पर असर
चिकन फार्मिंग के लिए मक्का और सोया की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. अगर पोल्ट्री उद्योग खत्म हो जाए, तो इन फसलों की मांग कम हो जाएगी, जिससे किसानों को नुकसान हो सकता है.
4. स्वास्थ्य पर प्रभाव
चिकन में प्रोटीन की भरपूर मात्रा होती है, जो लोगों के आहार का अहम हिस्सा है. अगर चिकन का सेवन बंद हो जाए, तो लोग प्रोटीन के लिए शाकाहारी विकल्पों जैसे सोया, दालें और मेवे पर ज्यादा निर्भर होंगे.
5. धार्मिक और सांस्कृतिक बदलाव
चिकन कई देशों में पारंपरिक भोजन का हिस्सा है. इसका सेवन बंद होने से खानपान की आदतों और व्यंजनों में बड़ा बदलाव आ सकता है.
अगर पूरी दुनिया में लोग चिकन खाना बंद कर दें, तो पर्यावरण को फायदा होगा, लेकिन लाखों लोगों का रोजगार छिन सकता है और खाद्य उद्योग में बड़ा बदलाव आ सकता है.हालांकि, शाकाहारी भोजन को अपनाने से स्वास्थ्य और प्रकृति दोनों को लाभ मिल सकता है.
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