अंतरक्षि पर जाना और रहना बहुत ही रोमांचक होता है. सुनने में ही दिलचस्प लगता है. हालांकि, ये किसी चुनौती से कम नहीं है. वहां लंबे वक्त तक रहना और नए-नए एक्सपेरिमेंट्स करना बहुत ही चैलेंजिंग होता है. एस्ट्रोनॉट्स में पुरुष-महिलाओं दोनों होते हैं. नासा को अंतरिक्ष जाने वाली एस्ट्रोनॉट्स को लेकर चिंता होती है कि वे कहीं वहां प्रेगनेंट न हो जाएं. क्योंकि अंतरिक्ष में ऐसी हरकतों को गैर जिम्मेदाराना माना जाता है. नासा स्पेस में शारीरिक संबंध बनाने से एस्ट्रोनॉट्स को सख्ती से मना करता है. लेकिन सवाल तो ये है कि अगर ऐसा होता है तो क्या होगा.
स्पेस में प्रेग्नेंट होने के क्या हैं नुकसान
नासा का कहना है कि कीड़ों और उनकी संतानो पर प्रयोग किया गया है, जिसमें सफलता मिली है. हालांकि अब तक बड़े जानवरों पर इसका प्रयोग नहीं किया गया है. स्पेस थेरेपी स्पेशलिस्ट का कहना है कि शारीरिक और जैविक नजरिए से देखें तो अंतरिक्ष में प्रेगनेंसी पूरी तरह से पॉसिबल है. अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण की कमी है, रेडिएशन की वजह से भ्रण को नुकसान हो सकता है. आशंका है कि वह मर भी सकता है. स्पेशलिस्ट का कहना है कि असलियत में हम अभी इस बारे में ज्यादा नहीं जानते कि अंतरिक्ष एक मानव शरीर को कैसे प्रभावित करता है. हालांकि, आंकड़े कहते हैं कि सामान्य तौर पर अंतरिक्ष मानव स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक हो सकता है.
अंतरिक्ष में लंबे वक्त तक रहने वालों पर क्या होता है असर
ग्रेविटी की कमी का अंतरिक्ष यात्रियों पर लंबी अवधि के मिशनों पर गहरा प्रभाव पड़ता है. लोगों की मांसपेशियों के टिश्यू खत्म होने की लगते हैं. हड्डियों की ताकत कम होने लगती है. ग्रैविटी न होने की वजह से नेगिटिव असर पड़ता है.
अंतरिक्ष में संबंध बनाना बहुत ही मुश्किल
नासा के एक इंजीनियर हैं- जोनाथन मिलर. उन्होंने 30 से अधिक वर्षों तक साथ में काम किया है. उन्होंने स्पेस में शारीरिक संबंध बनाने की मुश्किलों के बारे में बताया. उनका कहना है कि अंतरिक्ष में शारीरिक संबंध बनाना बहुत ज्यादा मुश्किल है. वहां ऐसा करना सच में बहुत कठिन है. वहां अकेले रहना असंभव है. वहां शारीरिक संबंध बनाने के तरीकों की संख्या तीन गुणा हो जाती है. लेकिन कपल्स को पैर रखने में मुश्किल होता है और वे अपने पैरों को स्थिर नहीं कर पाते.