अगर हम आपसे कहे कि एक प्लेन ने 1 जनवरी को उड़ान भरा और लैंड 31 दिसंबर को हुआ तो क्या आप यकीन करेंगे? आप हैरान हो जाएंगे कि आखिर फ्लेन 1 जनवरी को उड़ा तो पूरे 31 दिसंबर तक कहां थी? मतलब पूरे 12 महीने प्लेन कहां रहा है? ये काफी कंफ्यूजन हो गया होगा, आप सोच रहे होंगे कि फ्लाइट टाइम ट्रैवल में चला गया होगा. लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है. हम आपको बताएंगे कि कैसे 1 जनवरी को उड़ने वाला प्लेन कैसे 31 दिसंबर को लैंड हुआ.
जान लीजिए पूरी सच्चाई
दरअसल, हाल ही में एक घटना सामने आई थी. जिसके बारे में जानने के बाद लोगों को लगा कि ये टाइम ट्रैवल का मामला है. जानकारी के मुताबिक, कैथे पैसिफिक की फ्लाइट में CX880 ने जनवरी 2025 को हांगकांग से टेक ऑफ किया और 31 दिसंबर 2025 को अमेरिका लॉस एंजेलिस में लैंड हुआ. इसके पीछे का असल कारण इंटरनेशनल डेट लाइन है.
आखिर ये कैसे हुआ होगा?
अब आपके मन में सवाल आ रहा होगा कि इंटरनेशनल डेट लाइन एक इमेजिन लाइन है, जो प्रशांत महासागर के मीडिल में है. ये लाइन धरती पर दो अलग-अलग लाइनों को डिवाइड करती है. ऐसे में जब कोई प्लेन इस लाइन को क्रॉस करता है, तो डेट बदल जाती है. पश्चिम की ओर जाने पर एक डेट एक दिन आगे बढ़ जाती है. ईस्ट की ओर आने पर डेट एक दिन पिछले जाली जाती है.
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और आसान भाषा में समझते हैं
हमे लग रहा है कि आपको अभी समझ नहीं आया. कोई बात नहीं हम इसे और आसान भाषा में समझाने की कोशिश करते हैं. मान लीजिए कि आपने 1 जनवरी की फ्लाइट मॉर्निंग टाइम में हांगकांग से ली. अगर आपकी फ्लाइट इंटरनेशनल डेट लाइन क्रॉस करते हुए लॉस एंजेलिस पहुंचती है, वो वहां पर उस दिन तारीख होगी 31 दिसंबर. ऐसे में आपको कुछ टाइम के लिए लगेगा कि आप टाइम से पीछे चल रहे हैं. लेकिन ये सब हुआ तो इंटरनेशनल डेट लाइन के कारण.
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