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VIDEO: बिना बेहोश किए दिमाग की सर्जरी करने लगे डॉक्टर, मरीज पढ़ता रहा हनुमान चालीसा और फिर...

सर्जरी के दौरान डॉक्टरों ने उन्हें बेहोश नहीं किया, बल्कि होश में ही रहने दिया. डॉ. बंसल ने बताया कि आमतौर पर ब्रेन ट्यूमर सर्जरी में पेशेंट को बेहोश कर दिया जाता है.

Updated on: 28 Dec 2018, 03:48 PM

जयपुर:

राजस्थान की राजधानी जयपुर से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां के नारायणा मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल में डॉक्टरों ने एक शख्स की ब्रेन सर्जरी की, लेकिन ये सर्जरी अपने-आप में एक अनोखी सर्जरी थी. दरअसल इस सर्जरी के दौरान डॉक्टरों ने मरीज को बेहोश किए बिना ही उसकी सर्जरी को अंजाम दिया. यह एक अवेक ब्रेन सर्जरी थी, जिसे राजस्थान की पहली अवेक ब्रेन सर्जरी बताया जा रहा है. बीकानेर का रहने वाले हुलास मल जांगीर (30) बीते तीन महीनों से मिर्गी की समस्या से काफी परेशान था.

हुलास की बायोप्सी की गई तो मालूम चला कि वह ग्रेड-2 ट्यूमर से ग्रसित है, जो उसके दिमाग के स्पीच पार्ट में था. कई अस्पतालों ने हुलास की सर्जरी करने से मना कर दिया था, क्योंकि इस सर्जरी में उनके बोलने की शक्ति खो सकती थी. इसके साथ ही उन्हें लकवा की भी दिक्कत हो सकती थी. जिसके बाद हुलास जयपुर के नारायणा मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल आए. जहां डॉ. के.के. बंसल के नेतृत्व में उनकी सफल सर्जरी की गई.

यहां देखें वीडियो- मरीज सुनाता रहा हनुमान चालीसा, पूरा हो गया ऑपरेशन देखें VIDEO 

सर्जरी के दौरान डॉक्टरों ने उन्हें बेहोश नहीं किया, बल्कि होश में ही रहने दिया. डॉ. बंसल ने बताया कि आमतौर पर ब्रेन ट्यूमर सर्जरी में पेशेंट को बेहोश कर दिया जाता है. ऐसा करने से पेशेंट के दिमाग में मौजूद स्पीच पार्ट को मॉनिटर नहीं किया जा सकता. इसलिए उन्होंने इस अवेक ब्रेन सर्जरी का सहारा लिया, ताकि हुलास के बोलने की क्षमता को मॉनिटर किया जा सके. इस दौरान हुलास हनुमान चालीसा पढ़ते रहे. इसके साथ ही डॉक्टरों ने हुलास को हनुमान चालीसा सुनाने के लिए भी कहा. इसके अलावा वे हुलास से अखबार भी पढ़ा रहे थे. डॉक्टरों ने बताया कि ऐसा करने से हुलास की बोलने की शक्ति का पता चल रहा था. उन्होंने ये भी बताया कि जब वे दिमाग के किसी अन्य हिस्से को छेड़ रहे थे तो वह बोलने में असक्षम हो जाता था.