logo-image

पति की तस्वीर मंदिर में लगाकर रोज पूजा करती है महिला, जाने क्या है माजरा

पदमावती नाम की महिला आंध्र प्रदेश के पोडिली मंडल की निवासी है. उनके पति प्रकाशम अंकिरेड्डी की चार साल पहले एक हादसे के दौरान मौत हो गई थी. जानकारी के मुताबिक उसके बाद पदमावती का जीवन बहुत ही कठनाईयों भरा हो गया था. एक निजी न्यूज चैनल को उन्होने बता

Updated on: 15 Aug 2021, 02:37 PM

highlights

  • एक हादसे में चली गई थी पति की जान 
  • संगमरमर पत्थर से बनवाया है मंदिर
  • चार साल से लगातार कर रही पूजा 

 

New delhi:

इसे पति के प्रति प्रेम कहें.. या रुढीवादिता. जी हां आंध्रप्रदेश की एक महिला अपने दिवंगत पति की प्रतिमा मंदिर में लगाकर रोज पूजा करती है. जानकारी के मुताबिक पूरे विधि-विधान से पूजा की जाती है. मंदिर संगेमरमर पत्थर का बना है. जिसे रोजाना पानी से धोने के बाद पूजा-अर्चना की जाती है. कुछ दिन तक लोग समझते रहे कि मंदिर में भगवान की प्रतिमा है. लेकिन जब पता चला कि महिला अपने दिवंगत पति की पूजा करती है तो लोग अचंभित होने लगे. जानकारी के मुताबिक महिला का मानना है कि उसकी मां भी उसके पिता की प्रतिमा रोजाना ऐसे ही पूजा करती थी. इसलिए उसने भी यही रास्ता चुना है.

ये भी पढ़ें: महिला ने ऐसे सिखाया परेशान करने वालों को सबक... सबक सिखाने का तरीका है गजब

सपने में आए थे पति 
दरअसल, पदमावती नाम की महिला आंध्र प्रदेश के पोडिली मंडल की निवासी है. उनके पति प्रकाशम अंकिरेड्डी की चार साल पहले एक हादसे के दौरान मौत हो गई थी. जानकारी के मुताबिक उसके बाद पदमावती का जीवन बहुत ही कठनाईयों भरा हो गया था. एक निजी न्यूज चैनल को उन्होने बताया मौत के करीब 6 माह बाद उनके पति सपने आए थे. सपने में उन्होने मंदिर बनवाने की इच्छा जाहिर की थी. सपने की बात को ही आधार बनाकर उन्होने बनवाया और उसमें पति की प्रतिमा 
स्थापित कर पूजा-अर्चना शुरु कर दी. तभी से उसके जीवन से कठनाईयां खत्म हो गई. ऐसे में कुछ लोग सोशल मीडिया पर महिला को रुढीवादी बता रहे हैं. हालाकि महिला का कहना है कि जिसको जो कहना है कहे. उसे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता.

ये भी पढें: ऐसा क्या है इस तस्वीर में जो देखता है रोने लगता है.. जानिए

गरीबों को कराती हैं भोजन
महिला ने बताया कि हर पूर्णीमा को वह बेटे शिवशंकर रेड्डी के साथ मिलकर गरीबों को भोजन कराती है. साथ ही कपड़े भी वितरित करती है. य़ह काम करते हुए करीब चार साल होने को है. इस काम की उनके गांव में लोग सराहना भी करते हैं. महिला बताती है कि पति का मंदिर बनाते ही उनके सारे संकट दूर हो गए थे. साथ ही जीवन भी आसान लगने लगा था. नहीं तो पति की मौत के बाद उनका जीवन बहुत मुश्किल भरा हो गया था. घर में पैसों का भी संकट रहने लगा था.