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महिला को हुआ चिंपैंजी से प्यार, चिड़ियाघर वालों ने अंदर आने पर रोक लगाई

महिला के चिंपैंजी प्रेम से परेशान हैं चिड़ियाघर वाले. महिला और चिंपैंजी करते हैं एक दूसरे को फ्लाइंग किस.

Updated on: 23 Aug 2021, 05:11 PM

highlights

  • बेल्जियम के एक चिड़ियाघर की अजीबोगरीब घटना
  • चार साल से लगातार चिड़ियाघर आ रही थी महिला
  • एंट्री में रोक लगाने पर महिला हुई नाराज

नई दिल्ली :

आपने सुना होगा लोग प्यार में हद से गुजर जाते हैं लेकिन प्यार किससे करना है, इसकी तो लिमिट होगी ना...जी नहीं, अब बेल्जियम (belgium) देश में चिंपैंजी (chimpanzee) से प्यार का अजब मामला सामने आया है. बेल्जियम के एंटवर्प चिड़ियाघर (zoo) में एडी टिमरमैंस नाम की एक महिला चार साल से लगातार आ रही थी. इस दौरान वह एक चिंपैंजी से बात करती थी. चिंपैंजी का नाम चीता है. 38 वर्षीय एडी टिमरमैंस की बातों का चीता जवाब भी इशारे में देता था. दोनों एक दूसरे को फ्लाइंग किस भी करते हैं और तमाम प्यार भरे इशारे करते हैं. 

यहां तक दावा किया जा रहा है कि महिला ने खुलेआम कह दिया है कि उसे चीता से प्यार है. वह मन ही मन चीता को जीवनसाथी मान चुकी है. दूसरी ओर चिड़ियाघर प्रबंधन ने महिला के चिड़ियाघर में आने पर रोक लगा दी है. चिड़ियाघर प्रबंधन का कहना है कि महिला का प्यार चीता (चिंपैंजी) के लिए हानिकारक साबित हो रहा है. दोनों इशारों-इशारों में एक दूसरे से बात करते हैं. जब भी महिला आती है तो वह खुश हो जाता है लेकिन जब वह नहीं होती तो चीता पूरे टाइम उदास रहता है. यहां तक की अन्य चिंपैंजी से भी सरोकार नहीं रखता. दल के दूसरे चिंपैंजी भी उससे दूरी बनाने लगे हैं. वो उसे अपने दल का सदस्य भी नहीं मानते. इस कारण अब एडी टिमरमैंस को चिड़ियाघर में एंट्री नहीं मिलेगी. वहीं, दूसरी ओर टिम ने इसे चिड़ियाघर वालों का अन्याय बताया है. उन्होंने कहा है कि जब अन्य लोगों को चिड़ियाघर में जाने की अनुमति है तो मुझे क्यों नहीं है. मैं किसी भी पशु-पक्षी को हानि नहीं पहुंचा रही. 

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वहीं, इस घटना की पूरे देश ही नहीं विदेश में भी चर्चा हो रही है. तमाम लोगों के अनुसार यह अपनी तरह का पहला ही मामला है. कोई महिला को पशु प्रेमी करार कर रहा है तो कोई इसे पागलपन बता रहा है. वहीं, चिड़ियाघर प्रबंधन भी ठीक से नहीं समझ पा रहा कि आखिर इसका समाधान क्या है. कई लोगों ने यहां तक सवाल उठाए कि इस प्रेम का आखिर परिणाम क्या है. अगर चिंपैंजी के जीवन पर इससे असर पड़ रहा है तो इसे कहां तक उचित माना जा सकता है 

गौरतलब है कि दुनिया में तमाम पशु प्रेमी, पशु-पक्षियों की सुरक्षा के लिेए आंदोलन चलाते हैं. तमाम प्रकरणों में लोगों पर आरोप भी लगाते हैं कि मानव, पशुओं पर अत्याचार कर रहा है. इस मामले में एक चिंपैंजी, एक महिला के बिना उदास है. अब इसे पशु प्रेमी की रूप में लेंगे यह बड़ा सवाल है. वहीं, दूसरी ओर चिड़ियाघर प्रबंधन भी इस कोशिश में है कि चीता नामक चिंपैंजी दल के अन्य चिंपैंजी से हिलमिल जाए.