24 फरवरी को उत्तर पूर्वी दिल्ली में हिंसा शुरू हो चुकी थी. चारों ओर से पथराव और आगजनी की खबरें सामने आ रही थीं. मुस्लिम बहुल इलाके में एक हिंदू परिवार को अपनी बेटी की शादी कैंसिल करने के लिए मजबूर होना पड़ा. हाथों में मेहंदी, और बदन पर हल्दी लगाए सावित्री प्रसाद मंगलवार को हिंसा भड़कने की वजह से रोने लगी थीं. एक दिन बाद उसकी शादी थी. 25 फरवरी को शादी की पूरी तैयारी थी लेकिन उस दिन शादी नहीं हो पाई. घर में सभी का रो-रोकर बुरा हाल था. दुल्हन सावित्री को लगा था कि अब उसकी शादी नहीं हो पाएगी लेकिन एक दिन बाद ही मुस्लिम लोग शादी के लिए सामने खड़े हो गए और पूरी मदद कर उसकी शादी करा दी.
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दिल्ली के चांद बाद इलाके में रहने वाली सावित्री प्रसाद के पिता कहते हैं कि उनके मुस्लिम पड़ोसी ही उनके परिवार के साथ रहे और उनकी मौजूदगी से वह सकून महसूस करते हैं. सावित्री प्रसाद ने बताया कि हमारे मुस्लिम पड़ोसी भाईयों ने ही उसे बचाया. 25 फरवरी की घटना को बताते हुए उसकी आंखें भर आई और रोते हुए बोली कि परिवार और मुसलमान पड़ोसियों की वजह से उन्हें सकून का अहसास हो रहा है.
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चांद बाग इलाके में संकरी गली में सावित्री प्रसाद का छोटा सा घर है. उसकी शादी के सभी रस्में पूरी हो चुकी थी. घर के पास ही सभी दुकानों को आग के हवाले कर दिया गया था. वह बताती है कि घर से चारों ओर धुंआ ही धुंआ दिखाई दे रहा था. हम सारी उम्मीदें खो चुके थे. लग रहा था कि अब शादी नहीं हो पाएगी लेकिन आखिरी समय में मुस्लिम भाइयों ने मदद की और यह शादी पूरी हो पाई.
Source : News Nation Bureau