गजेंद्र सिंह शेखावत ने कीझाड़ी उत्खनन मामले में तमिलनाडु सरकार पर सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया
'मेक इन इंडिया' प्रोडक्ट पाकिस्तान में टेस्टेड और पूरी दुनिया में ट्रस्टेड बन गया : कृष्णपाल गुर्जर
ओडिशा : जाजपुर में डायरिया के प्रकोप पर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, रोकथाम के प्रयास तेज
Rajasthan News: जयपुर में फिल्मी अंदाज में डीजल चोरी का खुलासा, सुरंग बनाकर उड़ाया करोड़ों का माल, ये है मामला
हत्या की आरोपी सोनम रघुवंशी ने इंदौर को शर्मसार किया : कैलाश विजयवर्गीय
नई रेलवे परियोजनाओं से कनेक्टिविटी में होगा सुधार : पीएम मोदी
IPL 2025 का खिताब नहीं जीते तो क्या हुआ, श्रेयस अय्यर के पास 10 दिन के अंदर ही ट्रॉफी जीतने का है शानदार मौका
Pune: शादी के नाम पर करोड़ों की ठगी, मैट्रिमोनियल साइट के जरिए युवती को बनाया निशाना, आप भी रहें सावधान
पीयूष गोयल का स्वीडन को न्योता, भारत के बुनियादी ढांचे और विनिर्माण क्षेत्र में करें निवेश

आखिर दिन के उजाले में ही क्यों किया जाता है शवों का पोस्टमॉर्टम, काफी दिलचस्प है पीछे की मुख्य वजह

शव का परीक्षण करने और मौत की असल वजह के बारे में जानने के लिए पोस्टमॉर्टम किया जाता है. पुलिस के पास पहुंचने वाले सभी मामलों में पोस्टमॉर्टम कराया जाता है.

शव का परीक्षण करने और मौत की असल वजह के बारे में जानने के लिए पोस्टमॉर्टम किया जाता है. पुलिस के पास पहुंचने वाले सभी मामलों में पोस्टमॉर्टम कराया जाता है.

author-image
Sunil Chaurasia
New Update
आखिर दिन के उजाले में ही क्यों किया जाता है शवों का पोस्टमॉर्टम, काफी दिलचस्प है पीछे की मुख्य वजह

प्रतीकात्मक तस्वीर

मेडिकल साइंस में पोस्टमॉर्टम एक बेहद ही अहम प्रतिक्रिया है, जिससे व्यक्ति की मौत की असली वजह का पता चलता है. हालांकि व्यक्ति की मौत की सटीक वजह जानने के लिए पोस्टमॉर्टम 10 घंटे के भीतर कर लिया जाना चाहिए. लोगों के दिमाग में पोस्टमॉर्टम को लेकर कई तरह के सवाल चलते रहते हैं, जिनका जवाब मिलना काफी मुश्किल है लेकिन असंभव नहीं है. कई लोगों के मन में ये सवाल घूमता रहता है कि आखिर मृत शरीर का पोस्टमॉर्टम हमेशा दिन में ही क्यों किया जाता है? जी हां, यदि आपके मन में भी कभी ये सवाल आया हो कि रात में पोस्टमॉर्टम क्यों नहीं किया जाता तो हम आपके इस सवाल का जवाब लेकर आ गए हैं.

Advertisment

ये भी पढ़ें- नाबालिग BF से मिलने के लिए फ्लाइट पकड़कर 1442 किमी दूर चली गई 10वीं की छात्रा, हैरान कर देगा पूरा मामला

जवाब बताने से पहले हम आपको ये बता दें कि शव का परीक्षण करने और मौत की असल वजह के बारे में जानने के लिए पोस्टमॉर्टम किया जाता है. पुलिस के पास पहुंचने वाले सभी मामलों में पोस्टमॉर्टम कराया जाता है. बिना पोस्टमॉर्टम कराए पुलिस किसी भी मामले की जांच करने में असक्षम रहती है. कुछ मामलों में पोस्टमॉर्टम करने के लिए संबंधित व्यक्ति के परिजनों की सहमति जरूरी होती है जबकि ज्यादातर मामलों में पुलिस की अनुमति से ही पोस्टमॉर्टम कराया जाता है.

ये भी पढ़ें- 83 साल के बूढ़े पर यूं फिदा हुई 56 साल छोटी लड़की, एक महीने के अंदर कर ली शादी

पोस्टमॉर्टम करने के लिए डॉक्टर सूर्योदय से सूर्यास्त तक के समय को बेहतर मानते हैं. इसके पीछे दो वजहें बताई जाती हैं. पहली वजह वैज्ञानिक है जबकि दूसरी वजह धर्म से जुड़ी हुई है. वैज्ञानिक कारण कहते हैं कि रात के समय दूधिया रोशनी में चोट का रंग लाल दिखने के बजाए बैंगनी रंग का दिखता है जबकि मेडिकल साइंस में बैंगनी रंग की चोट का किसी भी प्रकार का कोई उल्लेख नहीं किया गया है. इसके अलावा धार्मिक मान्यताएं कहती हैं कि अंधेरा होने के बाद शव का अंतिम संस्कार नहीं करना चाहिए. यही वजह है कि बहुत जरूरी नहीं होने पर ज्यादातर पोस्टमॉर्टम अंधेरा ढलने से पहले ही किए जाते हैं.

Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो

postmortem report Medical Science Informative News Postmortem House Postmortem
      
Advertisment