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ना आंधी- तूफानों से ढहा ना बम के धमाकों से धधका, भारत के अनोखे पुल का इतिहास है पुराना

Unknown Facts About Howrah Bridge: दुनिया में हावड़ा ब्रिज 6 वां ऐसा ब्रिज हैं जो बिना नट- बोल्ट और खंभे के खड़ा है. इसका नाम दुनिया के बिजी पुलों में ही शुमार है. मीडिया रिपोर्ट्स दावा करती हैं कि इस पुल पर रोजाना 2 लाख लोगों का आना जाना होता है.

Updated on: 10 May 2022, 10:57 AM

highlights

  • दूसरे विश्व युद्ध में बम के धमाकों के बीच भी सुरक्षित रहा था
  • इस पुल पर हर दिन 2 लाख लोगों का आना जाना होता है

नई दिल्ली:

Unknown Facts About Howrah Bridge: दो किनारों को जोड़ने के लिए एक ब्रिज को खुद सबसे पहले सपोर्ट की जरूरत होती है. बिना नट- बोल्ट और पिलर के सपोर्ट के शायद ही किसी ब्रिज की कल्पना की जा सकेगी लेकिन पश्चिम बंगाल में हुगली नदी पर बना प्रचलित हावड़ा ब्रिज अन्य पुलों से बेहद अलग है. हावड़ा ब्रिज बिना नट- बोल्ट और पिलर के सपोर्ट के खड़ा है जिसका निर्माण कारिगरों ने साल 1943 में किया था. ऐसे में पहली बार सुनने पर आपको भी हैरानी हो रही होगी कि कैसे एक ब्रिज बिना खंभो के टिका है. इतिहास के पन्नों में दर्ज है कि प्रचलित हावड़ा ब्रिज समय के बदलाव का भी गवाह रहा है. युग बीते पर ये ब्रिज ना आंधी- तूफानों से ढ़हा ना बम के धमाकों से धधका, ज्यों का त्यों ही रहा.

दुनिया का 6वां अनोखा ब्रिज
दुनिया में हावड़ा ब्रिज 6 वां ऐसा ब्रिज हैं जो बिना नट- बोल्ट और खंभे के खड़ा है. इसका नाम दुनिया के सबसे बिजी पुलों में ही शुमार है. मीडिया रिपोर्ट्स दावा करती हैं कि इस पुल पर हर दिन 2 लाख लोगों का आना जाना होता है. हालांकि इसके बारे में बहुत से लोगों का मानना है कि नए ब्रिज के निर्माण में नट- बोल्ट का इस्तेमाल हुआ है. अधिकतर लोग इसे विशेष प्रकार के धातु से बना हुआ मानते हैं.

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बम के धमाकों के बीच भी सुरक्षित रहा पुल
कहा जाता है कि हावड़ा ब्रिज ने सदियां बिताई हैं, यही वजह है कि इतिहास के पन्नों पर दर्ज काले दिनों का भी यह गवाह रहा है. इसका एक रहस्यमयी सच आज भी दुनिया को चौंकता है, सच ये कि दूसरे विश्व युद्ध के दौरान बम के धमाकों के बीच ब्रिज को जरा भी नुकसान नहीं पहुंचा, बल्कि ये आज भी बहुत ही खूबसूरती से टिका हुआ है.