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भारत का अजीबोगरीब गांव! यहां लाल नहीं विधवा के लिबास में विदा होती है दुल्हन

Bride Wears White Dress On The Day Of Marriage: जब बात भारत में होने वाली  शादियों की हों तो यहां दुल्हन लाल जोड़े में ही सजती हैं. क्योंकि इसे सुहाग का रंग माना जाता है. सफेद रंग को शादी जैसे मौके पर पहनना अशुभ माना जाता है.

Updated on: 21 Jun 2022, 10:02 AM

highlights

  • मध्य प्रदेश के मंडला जिले के लोगों की मान्यताएं हैं अलग
  • शादी के दिन दुल्हन के साथ पूरा गांव पहनता है सफेद कपड़े

नई दिल्ली:

Bride Wears White Dress On The Day Of Marriage: दुनिया भर में शादी के अलग- अलग तौर तरीके और नियम कानून हैं. शादी के शुभ मौके पर दुल्हन कहीं सफेद गाउन तो कहीं काले गाउन में सजती है. लेकिन जब बात भारत में होने वाली  शादियों की हों तो यहां दुल्हन लाल जोड़े में ही सजती हैं. क्योंकि इसे सुहाग का रंग माना जाता है. सफेद रंग को शादी जैसे मौके पर पहनना अशुभ माना जाता है. लेकिन बदलते ट्रेंड के साथ यह विधा भी बदल रही है. बॉलिवुड की कई हसिनाएं अपनी शादी में सफेद ड्रेस पहन चुकी हैं. इसी कड़ी में आज आपको भारत के ऐसे गांव के बारे में बताने जा रहे हैं जहां दुल्हन विधवा के लिबास में विदा की जाती है. हैरानी वाली बात तो यह कि विधवा का लिबास खुद दुल्हन के माता- पिता उसे पहनाते हैं.

बेटी का लाल जोड़ा उतरवा देते हैं माता- पिता
मध्य प्रदेश के मंडला जिले के भीमडोंगरी गांव में बेटी की शादी के बाद माता- पिता उसे विधवा के लिबास में विदा करते हैं. यहां आदिवासी समाज के लोग रहते हैं. जिनके तौर- तरीके दूसरों से पूरी तरह अलग हैं. भीमडोंगरी गांव में शादी के बाद लड़की को सफेद कपड़ों में विदा किया जाता है और इस मौके पर शादी में शामिल हर व्यक्ति सफेद लिबास पहनता है.

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इस वजह से करते हैं ऐसा
भीमडोंगरी गांव में रहने वाले आदिवासी समुदाय के लोग  गौंडी धर्म  का पालन करते हैं. इस धर्म के अनुसार सफेद रंग शांति का प्रतीक माना जाता है. यही वजह है कि नए जीवन की शुरुआत सफेद रंग के साथ की जाती है. यहां चार फेरे दुल्हन के घर पर तो बाकि के 3 फेरे दुल्हे के घर पर लेने का रिवाज है.