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एक हजार की आबादी वाले गांव के लिए भिड़े दो राज्य, सीमा निर्धारण के लिए केंद्र को देना पड़ा दखल

यह गांव जंपुई हिल्स पर 10 गांवों के एक समूह का हिस्सा है. यह गांव त्रिपुरा की सबसे ऊंची चोटी बेटलिंगचिप पर बसा है. इसे इलाके के बड़ा पर्यटन स्थल माना जाता है.

Updated on: 20 Aug 2020, 10:11 AM

अगरतला:

त्रिपुरा-मिजोरम सीमा पर एक गांव दोनों राज्यों के बीच क्षेत्राधिकार विवाद की जड़ बन चुका है. दोनों ही राज्य इस पर अपनी दावेदारी जता रहे हैं. इस फुलडुंगसई गांव की आबादी करीब 1,064 है मुख्य रूप से मिजो आबादी के लोग रहते हैं. यह गांव जंपुई हिल्स पर 10 गांवों के एक समूह का हिस्सा है. यह गांव त्रिपुरा की सबसे ऊंची चोटी बेटलिंगचिप पर बसा है. इसे इलाके के बड़ा पर्यटन स्थल माना जाता है.  

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दरअसल फूलडुंगसाई गांव त्रिपुरा के कंचनपुर में आता है. यहां की के उप-विभागीय मजिस्ट्रेट चांदनी चंद्रन ने 17 अगस्त को डीएम (नॉर्थ त्रिपुरा) को यह कहते हुए पत्र लिखा कि मिजोरम और त्रिपुरा के बीच सटीक सीमा को ध्वस्त करने की तत्काल आवश्यकता है, जिसमें पूरे फूलडंगसाई ग्राम परिषद शामिल हैं. चांदनी चंद्रन के मुताबिक मिजोरम के हैचेक (एसटी) निर्वाचन क्षेत्र के मतदाता सूची की जांच में पाया गया कि फूलडुंगसाई ग्राम परिषद को मिजोरम के अधिकार क्षेत्र के तहत दिखाया गया है.

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चांदनी चंद्रन ने डीएम को लिखी चिट्ठी में बताया कि जम्पुई फुलडुंगसाई की मतदाता सूची में 130 मतदाता त्रिपुरा के निवासी हैं. ये सभी त्रिपुरा की मतदाता सूची में मौजूद हैं. कंचनपुर उप-मंडल के तहत फूलडुंगसाई राशन की दुकान से राशन की सुविधा प्राप्त करते हैं. जानकारी के मुताबिक इस साल जनवरी में, केंद्र सरकार ने त्रिपुरा में ब्रू विस्थापन संकट को हल करने के लिए एक चतुष्पक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए थे और घोषणा की थी कि 1997 के बाद से छह राहत शिविरों में रहने वाले 33,000 से अधिक प्रवासियों को राज्य में बसाया जाएगा. मिजोरम के सीएम जोरमथंगा ने मार्च में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और त्रिपुरा के सीएम बिप्लब देब को पत्र लिखा था, जिसमें कहा गया था कि मिजो के प्रभुत्व वाले जम्पुई हिल्स में ब्रूस को विस्थापित करने से चतुष्कोणीय समझौते का उद्देश्य खत्म हो जाएगा.