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भोलेनाथ की कृपा पाने के लिए हर सोमवार करें ये चमत्कारी उपाए, हर मनोकामना होगी पूरी

भगवान शिव को भोलेनाथ के नाम से भी जाना जाता है , कई भक्त इन्हे भोले भंडारी या भोले बाबा भी कहते हैं. आज साल 2021 का नवंबर महीना आ चुका है. और नवंबर महीने का दूसरा और कार्तिक महीने का तीसरा सोमवार है.

Updated on: 08 Nov 2021, 11:34 AM

New Delhi:

भगवान शिव को भोलेनाथ के नाम से भी जाना जाता है, कई भक्त इन्हे भोले भंडारी या भोले बाबा भी कहते हैं. आज साल 2021 का नवंबर महीना आ चुका है. और नवंबर महीने का दूसरा और कार्तिक महीने का तीसरा सोमवार है. सोमवार का मतलब भगवान भोलेनाथ से ही रहा है. खास कर सोमवार को लोग भोले बाबा को दूध फूल माला और मिठाई चढ़ाते हैं. इस दिन को भोले के भक्त खास मानते हैं. मान्यता के मुताबिक सोमवार के दिन व्रत रखने से भगवान शिव अपने भक्तों को आशीर्वाद देते हैं और उन पर अपनी कृपा हमेशा बनाए रखते हैं. आज हम आपको बताएंगे की सोमवार को भोले बाबा की कृपा पाने के लिए आपको और क्या शुभ काम करने चाहिए.

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ये सारे उपाए चमत्कारी हैं और सोमवार को करने से भगवान शिव के आशीर्वाद की प्राप्ति भी होगी. चलिए आपको बताते हैं भगवान शिव की कृपा पाने के लिए कौन कौन से उपाए करें , ये उपाए अगर आप करेंगे बेशक आपकी हर मनोकामना पूरी होगी. सोमवार के द‍िन सुबह स्‍नान करने के बाद मंद‍िर जाएं या घर पर ही भगवान शिव की पूजा करलें. सबसे पहले भगवान शिव के साथ माता पार्वती और नंदी को गंगाजल और दूध से स्‍नान कराएं.

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इसके बाद उन पर चंदन, चावल, भांग, सुपाड़ी, बिल्वपत्र और धतूरा चढ़ाएं, अगर आपके पास सिर्फ चन्दन धुप और दिया है तो आप इससे भी भगवान शिव की पूजा कर सकते है. भोग लगाने के बाद आख‍िरी में श‍िव जी की आरती करें. बता दें कि धर्म विद्वानों का मानना है कि शिव भक्तों को सोमवार के दिन रुद्राष्टकम का पाठ जरूर करना चाहिए. मान्यता है कि इससे मनोकामनाओं पूरी होती है और ज़िन्दगी में कोई समस्या नहीं आती है. हालांकि इन पाठ को अगर सही से और सटीक तरीके से किया जाए तो मनोकामनाएं जल्दी पूरी होती है. आइये जानते है शिव रुद्राष्टक स्तोत्र:

नमामीशमीशान निर्वाणरूपं । विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम् ॥

निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं । चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहम् ॥1॥


निराकारमोङ्कारमूलं तुरीयं । गिराज्ञानगोतीतमीशं गिरीशम् ॥ 

करालं महाकालकालं कृपालं । गुणागारसंसारपारं नतोऽहम् ॥2॥ 


तुषाराद्रिसंकाशगौरं गभीरं । मनोभूतकोटिप्रभाश्री शरीरम् ॥ 

स्फुरन्मौलिकल्लोलिनी चारुगङ्गा । लसद्भालबालेन्दु कण्ठे भुजङ्गा ॥3॥ 


चलत्कुण्डलं भ्रूसुनेत्रं विशालं । प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम् ॥

मृगाधीशचर्माम्बरं मुण्डमालं । प्रियं शङ्करं सर्वनाथं भजामि ॥4॥


प्रचण्डं प्रकृष्टं प्रगल्भं परेशं । अखण्डं अजं भानुकोटिप्रकाशं ॥ 

त्रय: शूलनिर्मूलनं शूलपाणिं । भजेऽहं भवानीपतिं भावगम्यम् ॥5॥ 


कलातीतकल्याण कल्पान्तकारी । सदा सज्जनानन्ददाता पुरारी ॥ 

चिदानन्दसंदोह मोहापहारी । प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी ॥6॥ 


न यावद् उमानाथपादारविन्दं । भजन्तीह लोके परे वा नराणाम् । 

न तावत्सुखं शान्ति सन्तापनाशं । प्रसीद प्रभो सर्वभूताधिवासं ॥7॥ 


न जानामि योगं जपं नैव पूजां । नतोऽहं सदा सर्वदा शम्भुतुभ्यम् ॥ 

जराजन्मदुःखौघ तातप्यमानं । प्रभो पाहि आपन्नमामीश शंभो ॥8॥ 


रुद्राष्टकमिदं प्रोक्तं विप्रेण हरतोषये ।। 

ये पठन्ति नरा भक्त्या तेषां शम्भुः प्रसीदति ॥9॥


 पाठ के बाद सोमवार को ज़रूर करें ये काम- 

मंदिर में जाकर शिव जी को दूध और मिश्री चढ़ाएं. अगर मंदिर न जा सके तो शिव जी को घर में ये चीजें अर्पित करें, शिव जी  को बिल्पपत्र सर्वाधिक प्रिय है. इसलिए अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए सोमवार को शिव शंकर को 11 बिल्व पत्र चढ़ाएं, इसके अलावा गंगाजल से उनका हर सोमवार अभिषेक करें. मान्यता है कि इससे भगवान शंकर शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं, ॐ नम शिवाय मंत्र के साथ इन्हें मौसम का कोई मीठा फल अर्पित करें, मान्यता के मुताबिक शिव जी को इमरती और दूध चढ़ाकर भी खुश किया जा सकता है. याद रहे की ये साड़ी पूजा विधिविधान से करें.