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कई मायनों में अहम है 21 जून का सूर्य ग्रहण, इन रहस्यों से उठेगा पर्दा, आप भी जान लें

वैसे तो 2020 संकट से भरा साल है. लेकिन उसमें भी जून का महीना कई मायने में अहम भी है. एक ही महीने में दो-दो ग्रहण लग गया. चंद्र ग्रहण के बाद सूर्य ग्रहण भी लग गया. आज यानि 21 जून को सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है.

Updated on: 21 Jun 2020, 10:44 AM

नई दिल्ली:

वैसे तो 2020 संकट से भरा साल है. लेकिन उसमें भी जून का महीना कई मायने में अहम भी है. एक ही महीने में दो-दो ग्रहण लग गया. चंद्र ग्रहण के बाद सूर्य ग्रहण भी लग गया. आज यानि 21 जून को सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) लगने जा रहा है. यह ग्रहण कई मायनों में खास है और इस दौरान सूर्य का भी अलग अंदाज देखने को मिलेगा. 21 जून को इस ग्रहण की शुरुआत सुबह 9 बजकर 15 मिनट पर हो जाएगी, जो दोपहर में 3 बजकर 5 मिनट पर खत्म होगा. वैज्ञानिकों (Scientist) के मुताबिक करीब 6 घंटे तक इस ग्रहण के लगे रहने से कई रहस्यों से पर्दा उठाने में मदद मिलेगी. यूं कहें तो आने वाले समय में यह ग्रहण मील का पत्थर साबित हो सकता है.

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9 बजकर 15 मिनट पर इस ग्रहण की शुरुआत हो जाएगी 

इस ग्रहण का पूरे विश्व में काफी चर्चा हो रही है. बताया जा रहा है कि 9 बजकर 15 मिनट पर इस ग्रहण की शुरुआत हो जाएगी और 12 बजकर 10 मिनट पर इसमें रिंग ऑफ फायर दिखेगी. खगोलशास्त्रियों के मुताबिक, भारत में यह ग्रहण 10 बजे से दिखाई देना शुरू हो जाएगा. वहीं पूरी दुनिया की बात करें तो इसकी शुरुआत अफ्रीका से हो रही है. यह सबसे पहले अफ्रीका के युथोपिया में दिखेगा. यहां पर ये 100 फीसदी दृश्यमान होगा. इसके बाद ये दक्षिण पाकिस्तान में दिखाई देगा. उसके बाद ये भारत के राजस्थान में प्रवेश करेगा. ग्रहण के समय सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीध में आ जाते हैं तो इससे मैग्नेटिक प्रभाव पड़ता है.

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चुंबकीय तरंगें पैदा होने लगती हैं

पृथ्वी और चंद्रमा से ज्वार भाटा उठने लगते हैं और तीनों के एक सीध में आने की वजह से चुंबकीय तरंगें पैदा होने लगती हैं. इन तरंगों के वजह से कुछ लोगों में मानसिक बेचैनी और सुस्ती जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. वैज्ञानिक फायदों की बात करें तो यह ग्रहण आयन मंडल के अध्ययन के लिए सबसे बेहतर माना जा रहा है. सूर्य की किरणें जब बंद हो जाती हैं तो आयन मंडल का अध्ययन करना आसान होता है. इस दौरान आयन मंडल के बनावट और संरचना के प्रभाव का अध्ययन किया जाता है. इसके अलावा वैज्ञानिक वातावरण और जानवरों पर भी ग्रहण से पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन करते हैं. क्योंकि आमतौर पर ग्रहण के वक्त जानवर विचलित होने लगते हैं. यह ग्रहण लंबे समय तक जारी रहेगा. ऐसे में अध्ययन करने के लिए काफी समय मिलेगा.