टेस्ट में 300 विकेट लेने वाले आठवें ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज बने पैट कमिंस
पूरा महाराष्ट्र हादसे के पीड़ितों के दुख में शामिल : देवेंद्र फडणवीस
सीएम रेखा गुप्ता ने उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के विकास कार्यों की समीक्षा की
'दुख की घड़ी में हैं भारत के साथ', अहमदाबाद में हुए विमान हादसे पर दुनिया भर के नेताओं ने जताया शोक
डब्ल्यूटीसी फाइनल : दूसरे दिन गिरे 14 विकेट, दूसरी पारी में शुरुआती झटकों के बाद संभली ऑस्ट्रेलियाई टीम
अहमदाबाद विमान हादसा: जयराम रमेश ने विजय रूपाणी के साथ अपनी दोस्ती को याद किया
'राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनेंगे', ऐसा नहीं कहा तो पार्टी से निकाला : लक्ष्मण सिंह
Haridwar Firing Case: पुलिस ने फगवाड़ा से दो शूटरों को दबोचा, गैंगवार की पुरानी रंजिश निकली वजह
Karishma Kapoor ex husband died: नहीं रहे करिश्मा कपूर के एक्स पति संजय कपूर, पति पर गंभीर आरोप लगा लिया था तलाक

टीबी ग्रस्त महिला को हफ्ते भर में चार हार्ट अटैक, फिर भी बचा ली जान

कोमोरबिडिडिटीज का प्रबंधन करना, साथ ही रोगी को स्थिर रखना सुनिश्चित करना चुनौतीपूर्ण था.

कोमोरबिडिडिटीज का प्रबंधन करना, साथ ही रोगी को स्थिर रखना सुनिश्चित करना चुनौतीपूर्ण था.

author-image
Nihar Saxena
New Update
Offbeat

बीपी पीड़ित मरीज को टीबी भी था. ऐसे में डॉक्टरों ने बचाई जान.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

गंभीर टीबी की बीमारी होने के कारण करीब चार बार हृदय गति रुकने के बाद 51 वर्षीय एक महिला को नया जीवन दिया गया है. ये जानकारी डॉक्टरों ने दी है. सांस लेने में तकलीफ और शरीर में सूजन के साथ मरीज को फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट के आपातकालीन वार्ड में भर्ती कराया गया था. एक ईसीएचओ और प्रारंभिक क्लीनिकल टेस्ट से पता चला कि हृदय के चारों ओर बड़े पैमाने पर तरल पदार्थ जमा हो गया है, जिससे इसकी पंपिंग क्षमता प्रभावित हुई और आगे रक्तचाप में गिरावट आई. उनकी बिगड़ती सेहत को देखते हुए डॉक्टरों ने उन्हें ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने के लिए मेडिसिन थैरेपी दी.

Advertisment

इस स्तर पर हृदय की पंपिंग क्षमता में सुधार करना वास्तव में जरूरी था, जो केवल तरल पदार्थ के निकास से ही संभव था. पहले उसे एंटी-ट्यूबरकुलर थेरेपी दी गई. प्रारंभिक निदान ने पुष्टि की गई क्योंकि वह टीबी से पीड़ित थी. अस्पताल में इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी के सलाहकार डॉ. विवध प्रताप सिंह के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम ने कहा, कोमोरबिडिडिटीज का प्रबंधन करना, साथ ही रोगी को स्थिर रखना सुनिश्चित करना चुनौतीपूर्ण था.

सिंह ने कहा, एंटी-ट्यूबरकुलर थेरेपी के दौरान, हमें एक और चुनौती का सामना करना पड़ा, जब रोगी को लगातार तेज हृदय गति (वेंट्रिकुलर टैचीयरिया) होने लगी. उसे पहले ही सप्ताह के भीतर चार कार्डियक अरेस्ट हो चुके थे. मरीज को कार्डियक मसाज और शॉक दिया गया और उन्हें बिना किसी वेंटिलेटर सपोर्ट के पुनर्जीवित किया गया. उसे एक विशेष प्रकार का पेसमेकर आईसीडी लगाया गया जो तेज हृदय गति में झटका देता है.

HIGHLIGHTS

  • विशेष तरह का पेसमेकर भी लगाया गया महिला को
  • टीबी से पीड़ित थी महिला, साथ में बीपी भी है
पेसमेकर TB Patient जीवन बचाया डॉक्टर Heart attack टीबी मरीज doctors Save Life हार्ट अटैक Pacemaker
      
Advertisment