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SC ने कुत्तों के काटने से हुई मौतों का आंकड़ा मांगा, 7 वर्ष का रिकॉर्ड देने को कहा

अदालत ने इस वर्ष केरल में कुत्तों के काटने से हुई मौत को लेकर चिंता प्रकट की है. कोर्ट का कहना है कि केरल में इस साल ऐसे मामलों में उछाल आया है

Updated on: 13 Oct 2022, 02:29 PM

highlights

  • केरल में कुत्तों के काटने से हुई मौत को लेकर चिंता प्रकट की
  • कोर्ट ने कहा,  गाइडलाइन तैयार करने की आवश्यकता है क्या?
  • कहा, आवारा कुत्तों के हमले और काटने से सभी परेशान हैं

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुरुवार को देश में कुत्तों के काटने से हुई मौत को लेकर चिंता व्यक्त की. सर्वोच्च अदालत ने पशु कल्याण बोर्ड (AWB) से बीते सात वर्ष में कुत्ते के काटने से हुई मौतों पर आंकड़ों को पेश करने को कहा. अदालत ने इन मामलों की रोकथाम को लेकर हिसाब भी मांगा. कोर्ट ने सुनवाई दौरान कहा​ कि हम यह जानना चाहते हैं कि कितने राज्यों में कुत्तों के काटने से मौत हुई है. इस दौरान कितने लोग घायल हुए हैं. कोर्ट ने कहा कि इसके लिए किसी तरह की गाइडलाइन तैयार करने की आवश्यकता है क्या? 

दरअसल,अदालत ने इस वर्ष केरल में कुत्तों के काटने से हुई मौत को लेकर चिंता प्रकट की है. कोर्ट का कहना है कि केरल में इस साल ऐसे मामलों में उछाल आया है. कोर्ट ने कहा कि कुत्तों से प्रेम हम सभी करते हैं, मगर आवारा कुत्तों के हमले और काटने से सभी परेशान हैं. इसका हल निकाला जाना चाहिए. 

जस्टिस गवई के अनुसार, जो आवारा कुत्तों को खिलाते-पिलाते हैं, उनसे संबंधित जानवर की ओर से अटैक होने पर ऐसे लोगों पर टीकाकरण और इलाज के खर्च की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है. सुप्रीम कोर्ट के अनुसार, कुत्तों के काटने का मामला अब पूरे देश की मुसीबत बन गया है. इस समस्या का हल राज्यवार तरीके से खोजना होगा. इस मामले को लेकर जस्टिस गवई का कहना है कि यह एक क्षेत्र से जुड़ी परेशानी होगी. मगर मुंबई के साथ हिमाचल प्रदेश के मुकाबले केरल एकदम अलग है.