लकड़ी-पत्तियां खाने वाले इस 'आदिमानव' की कहानी है दिलचस्प

भूरा यादव दिनभर गांव की गलियों में घूमता रहता है. हालांकि, गांव के लोगों के लिए अब यह व्यक्ति अजूबा नहीं लगता है, क्योंकि उन्हें भूरा को लकड़ी पत्ती खाते देखने की आदत हो गई है. अगर कोई नया व्यक्ति इन्हें देखता है तो वो एकदम से हैरान रह जाता है. 

भूरा यादव दिनभर गांव की गलियों में घूमता रहता है. हालांकि, गांव के लोगों के लिए अब यह व्यक्ति अजूबा नहीं लगता है, क्योंकि उन्हें भूरा को लकड़ी पत्ती खाते देखने की आदत हो गई है. अगर कोई नया व्यक्ति इन्हें देखता है तो वो एकदम से हैरान रह जाता है. 

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Deepak Pandey
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लकड़ी-पत्तियां खाने वाले इस 'आदिमानव' की कहानी है दिलचस्प( Photo Credit : फाइल फोटो)

आपने पशुओं को घास और पतियां खाते हुए देखा होगा, लेकिन अगर कोई इंसान पत्तियां और लकड़ी खाएं तो ये आश्चर्य की बात होगी. मध्य प्रदेश में एक ऐसा व्यक्ति रहता है जो बचपन से लकड़ी और पत्तियां खा रहा है. यह इंसान 10 साल से यही खाना खा रहा है. शहडोल जिले के करकटी गांव में ऐसा अजूबा शख्स रहता है, जिसका नाम भूरा यादव और उम्र करीब 55 साल होगी. भूरा यादव दिनभर गांव की गलियों में घूमता रहता है. हालांकि, गांव के लोगों के लिए अब यह व्यक्ति अजूबा नहीं लगता है, क्योंकि उन्हें भूरा को लकड़ी पत्ती खाते देखने की आदत हो गई है. अगर कोई नया व्यक्ति इन्हें देखता है तो वो एकदम से हैरान रह जाता है. 

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भूरा जब बहुत छोटे थे तब भी खेल खेल में लकड़ी और पत्तियां खा लेते थे. फिर उन्हें धीरे धीरे इसकी आदत पड़ गई और ये आदत कब लत बन गई. भूरा की शादी नहीं हुई है. उनके परिवार में चाचा-ताऊ वगैरह उन्हीं के साथ रहते हैं. परिवार मेहनत मजदूरी करके अपना पेट पालता है. 

भूरा जब जंगल में मवेशी चराने जाते हैं तो वहीं पर पेड़ों से पत्तियां तोड़कर खा लेते हैं. उसे यूकेलिप्टिस की पत्तियां काफी पसंद हैं. अगर उसे भोजन न भी मिले तो कोई फर्क नहीं पड़ता है. लकड़ी-पत्तियां खाने से भूरा एक दम फिट है. उन्हें कोई भी बीमारी नहीं है. लकड़ी और पत्तियां खाने से उनकी तबीयत भी नहीं बिगड़ती है. 

Source : News Nation Bureau

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