जिस तरह से दुनिया बड़ा डिजिटल स्पेस बनाने की ओर अग्रसर है, ऐसे में साइबर सिक्योरिटी सभी के लिए चिंता का विषय बन चुकी है. हम ऐसे युग में रह रहे हैं, जहां हमारे पास मौजूद तकनीक की वजह से हमारा निजि डाटा आसानी से उपलब्ध हो जाता है. डिजिटल कंज्यूमर्स को धोखाधड़ी से बचाने के लिए साइबर विशेषज्ञ लगातार काम कर रहे हैं. ऐसे में बग्समिरर (Bugsmirror) के संस्थापक इंडियन टेक एक्सपर्ट अमन पांडे (Aman Pandey) के काम को मान्यता देते हुए गूगल (Google) ने 65 करोड़ रुपये का इनाम दिया है. इससे भारतीय टेक विशेषज्ञों के हौसले बुलंद हैं.
गूगल ने बग्समिरर (Bugsmirror) के अमन पांडे को एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम की कमियों को खोजने और उसकी रिपोर्ट करने के लिए सबसे बड़े शोधकर्ता के रूप में पुरस्कृत किया है. अमन पांडे ने 2021 में एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम की 232 कमियों को सामने लाने का प्रयास किया. इसका साफ मतलब है कि एंड्रॉयड के उपभोक्ता को धोखाधड़ी के शिकार होने का अधिक खतरा है. गूगल ने भारतीय साइबर सुरक्षा शोधकर्ता अमन पांडे के काम को सराहना भी की है. जिनके प्रयासों से एंड्रॉयड ने कमजोरियों को कम करने का काम किया है. इस प्रकार एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम कंज्यूमर्स के लिए ज्यादा सुरक्षित बना है.
बग्समिरर (Bugsmirror) की स्थापना अमन पांडे ने 2021 में इंदौर में की थी. उन्होंने एनआईटी (NIT) भोपाल से अपना ग्रेजुएशन किया है. गूगल ने इसके लिए 8.7 मिलियन डॉलर का इनाम रखा था, जो भारतीय रुपये में लगभग 65 करोड़ रुपये है. लगभग 115 शोधकर्ताओं को एंड्रॉयड की 333 कमियों की रिपोर्ट भेजने के लिए पुरस्कृत किया गया, जो 2021 में भेजे गए थे. इसके लिए कुल 2.2 मिलियन डॉलर के इनाम दिए गए.
अमन पांडे की कंपनी की वेबसाइट के अनुसार बग्समिरर का मकसद है कि आम लोगों को साइबर खतरों से निजात दिलाना है. ये सुनिश्चित करना है कि उनके स्मार्टफोन, पीडीए या कोई आईओटी डिवाइस मैलवेयर और वायरस से बचे रहे. इसलिए मौजूदा समय में उनका पूरा ध्यान एंड्रॉयड पर है.
HIGHLIGHTS
- इंडियन टेक एक्सपर्ट अमन पांडे (Aman Pandey) के काम को मान्यता दी
- एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम की 232 कमियों को सामने लाने का प्रयास किया