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रामागिरी स्वरिका की अद्भुत कलाकारी, चावल के दानों पर लिख डाली श्रीमद्भगवद्गीता

रामागिरी एक लॉ स्टूडेंट हैं, जिन्होंने चावल के 4042 दानों पर तेलुगु में पूरी 'श्रीमद्भगवद्गीता' लिख डाली. रामागिरी ने बताया कि उन्हें चावल के दानों पर 'श्रीमद्भगवद्गीता' लिखने में 150 घंटे का समय लगा.

Updated on: 20 Oct 2020, 03:39 PM

नई दिल्ली:

भारत में टैलेंटेड लोगों की कोई कमी नहीं है. हालांकि, कई बार हम ऐसे टैलेंटेड लोगों को नजरअंदाज कर देते हैं जो आगे चलकर पूरे देश में आकर्षण का केंद्र बन जाते हैं. जी हां, कई बार मंदिर या मेले में हमें ऐसे कलाकार दिखाई देते हैं जो चावल के एक छोटे-से दाने पर बड़ी ही खूबसूरती से किसी का भी नाम लिख देते हैं.

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यदि आप ने ऐसे कलाकारों को देखा होगा तो निश्चित तौर पर उनकी कलाकारी देखकर आपको हैरानी हुई होगी, लेकिन उसके टैलेंट को हम सभी एक साधारण कलाकारी समझकर चलते बनते हैं. आज हम आपको एक ऐसे ही टैलेंटेड कलाकार के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने चावल के दानों पर पूरी 'श्रीमद्भगवद्गीता' लिख डाली.

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तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद की रामागिरी स्वरिका ने ये असंभव काम कर दिखाया है. जिसके बाद पूरे देश में उनकी चर्चा हो रही है. बता दें कि रामागिरी एक लॉ स्टूडेंट हैं, जिन्होंने चावल के 4042 दानों पर तेलुगु में पूरी 'श्रीमद्भगवद्गीता' लिख डाली. रामागिरी ने बताया कि उन्हें चावल के दानों पर 'श्रीमद्भगवद्गीता' लिखने में 150 घंटे का समय लगा.

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चावल के दानों पर कलाकारी करने के साथ-साथ रामागिरी स्वरिका तिल के दानों पर ड्रॉइंग करती हैं. इतना ही नहीं, रामागिरी स्वरिका को मिल्क आर्ट और पेपर कार्विंग में भी महारत हासिल है. रामागिरी को उनके जबरदस्त टैलेंट के लिए तेलंगाना के गवर्नर तमिलिसाई साउंडराजन से सम्मान भी मिल चुका है.