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इटली: रहस्यमय बीमारी के कारण एक लाख से अधिक लोग जलाए गए, द्वीप पर लगाई पाबंदी 

इटली के वेनिस और लिडो के बीच इस जगह को पोवेग्लिया द्वीप (Poveglia Island) के नाम से पुकारा जाता है. यहां पर अभी भी अवाजें सुनाई देती हैं. 

Updated on: 03 Jan 2022, 03:32 PM

highlights

  • इस द्वीप का इतिहास 16वीं शताब्दी से जुड़ा है
  • पोवेग्लिया द्वीप पर प्लेग के मरीजों को रखा जाता था.
  • करीब 1 लाख 60 हजार लोगों को जिंदा जलाने का आदेश दिया

नई दिल्ली:

करीब दो सालों से पूरी दुनिया में महामारी का खौफ बरकरार है. अब तक कोरोना संक्रमण से करोड़ों लोगों ने अपनी जान गंवाई है. हालांकि यह पहली बार नहीं है, इससे पहले भी कई मौके सामने आए हैं, जहां पर एक महामारी ने लाखों लोगों की बलि ली है. ऐसा ही एक मामला इटली में एक द्वीप का है, जहां महामारी के कारण लाखों लोगों को जिंदा जला दिया गया. दावा किया जा रहा है कि इस जगह को दुनिया की सबसी डरावनी जगह माना जाता है.  इटली के वेनिस और लिडो के बीच इस जगह को पोवेग्लिया द्वीप (Poveglia Island) के नाम से पुकारा जाता है.

ये वेनेशियन खाड़ी में स्थित है. मीडिया रिपोर्ट  के मुताबिक इस द्वीप का इतिहास 16वीं शताब्दी से जुड़ा है. इटली में इस दौरान प्लेग महामारी फैली थी. पोवेग्लिया द्वीप पर प्लेग के मरीजों को रखा जाता था. यह महामारी उस समय तेजी से फैल रही थी और शासकों के हाथ से बाहर हो चुकी थी. ऐसा कहा जाता है कि प्लेग पर काबू पाने को लेकर शासकों ने इस द्वीप पर करीब 1 लाख 60 हजार लोगों को जिंदा जलाने का आदेश दिया.

रहस्यमय आवाजें सुनाईं दीं

द्वीप पर आग लगाने से लाखों लोग मारे गए. इसके बाद जले हुए सभी शवों को इसी द्वीप में दफना दिया गया. आसपास के लोग इस द्वीप को शापित और भुतहा मानने लगे. ऐसा कहा जा रहा है कि यहां मारे गए लोगों की आत्माएं यहां भटकती हैं. इतना ही नहीं, कुछ ने तो अजीबोगरीब आवाजें सुनने का दावा करा है.  प्लेग के बाद काला बुखार नामक बीमारी ने भी दस्तक दी. वैज्ञानिक अभी तक यहां लगातार फैली महामारियों का रहस्य खोलने में नाकाम रहे हैं. 

द्वीप पर रखे जाते थे मानसिक रोगी

बाद में द्वीप पर मानसिक रोगों के मरीजों को रखा जाने लगा. यहां पर एक अस्पताल भी बनाया गया. हालांकि इस अस्पताल को वर्ष 1960 के दशक में बंद कर दिया गया. इसके के बाद से आम लोग यहां जाने का सहास नहीं करते हैं. इसके बाद से लोग यहां जाने में डरते हैं. इटली की सरकार ने इस द्वीप पर पर्यटकों की एंट्री पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी है. वर्तमान में यहां करीब सौ परिवार रहते हैं, लेकिन किसी बाहरी का यहां पर आना पूरी तरह से बैन है. 2014 में ऐसी खबरें सामने आई थीं कि इटली ने भारी कर्ज को उतारने के लिए इस द्वीप को बेचने की पेशकश की है. इटली के एक बिजनेसमैन लुइगी ब्रुगनारो ने करीब 4 करोड़ रुपए में इस द्वीप को खरीदा था.