शोले फिल्म देखकर गब्बर बनने चले थे, खुद को समझते थे जय-वीरू, पहुंच गए जेल

पूछताछ में दोनों बदमाशों ने बताया कि पढ़ाई में उनका मन नहीं लगा. परिवार भी धनाढ्य नहीं था. उम्र के साथ जेब खर्च की जरूरतें बढ़ीं तो अपराध की दुनिया में उतर गए.

पूछताछ में दोनों बदमाशों ने बताया कि पढ़ाई में उनका मन नहीं लगा. परिवार भी धनाढ्य नहीं था. उम्र के साथ जेब खर्च की जरूरतें बढ़ीं तो अपराध की दुनिया में उतर गए.

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Dalchand Kumar
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शोले फिल्म देख गब्बर बनने चले थे, खुद को समझते थे जय-वीरू, पहुंचे जेल( Photo Credit : IANS)

मध्य जिला पुलिस दिल्ली (Delhi) में आतंक का पर्याय बने दो कुख्यात बदमाशों को हथियारों सहित गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया. बदमाशों (Criminal) की गिरफ्तारी से दिल्ली के कई थानों में लंबे समय से दर्ज आपराधिक मामलों का खुलासा हो गया है. शुक्रवार शाम आईएएनएस से बात करते हुए यह जानकारी जिला पुलिस उपायुक्त संजय भाटिया ने दी. उन्होंने बताया कि गिरफ्तार बदमाशों का नाम राहुल पारचा उर्फ विश्वास और दिनेश उर्फ सन्नी उर्फ काले है. सन्नी काले भजनपुरा का और राहुल पारचा पूर्वी दिल्ली के त्रिलोकपुरी इलाके का रहने वाला है.

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डीसीपी से अनुसार, दोनों बदमाशों के पास से दो पिस्तौल मय जीवित कारतूस जब्त हुए हैं. एक मोटरसाइकिल भी मिली है. इन दोनों की गिरफ्तारी से दिल्ली के विभिन्न थानों में दर्ज 17 सनसनीखेज मामलों का खुलासा हुआ है. इनमें से ज्यादातर आपराधिक वारदातें दिन दहाड़े चैन-झपटमारी की भी शामिल हैं. पुलिस के मुताबिक, ये बदमाश काफी दिनों से मध्य जिले में अड्डा जमाने की कोशिश में थे. इन्हें दबोचने के लिए करोलबाग पुलिस की टीम बनाई गई थी. पुलिस की टीम ने इन दोनों बदमाशों का पीछा करना शुरू किया.

पुलिस टीम को चकमा देकर भाग रहे दोनों बदमाशों को चेकिंग के दौरान करोल बाग इलाके में ही हवलदार ओमप्रकाश सिपाही मोनू और ललित ने एक होटल के पास घेर लिया. चारों ओर से पुलिस से खुद को घिरा देखकर भी दोनों ने भागने की नाकाम कोशिश की. डीसीपी संजय भाटिया के मुताबिक जिस वक्त दोनों बदमाशों को पकड़ा गया वे अपाचे मोटर साइकिल पर सवार थे.

पूछताछ में दोनों बदमाशों ने बताया कि पढ़ाई में उनका मन नहीं लगा. परिवार भी धनाढ्य नहीं था. उम्र के साथ जेब खर्च की जरूरतें बढ़ीं तो अपराध की दुनिया में उतर गए. दोनों के पास जब खाने कमाने का कोई जुगाड़ नहीं था तो उन्होंने एक दिन फिल्म शोले देखी. दोनों निठल्लों को लगा कि शोले के गब्बर सिंह सा खूंखार बनकर ही लोगों को लूटा जाये. लिहाजा उसके बाद दोनों अपराध की दुनिया में कूद गये.

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गिरफ्तार करने वाली टीम के एक सब-इंस्पेक्टर ने आईएएनएस को बताया, 'दोनों खुद को शोले फिल्म की जय-बीरू की जोड़ी से कम नहीं समझते थे. वारदात से पहले और फिर वारदात के बाद मोटर साइकिल की गति इस कदर खतरनाक होती थी कि जिसे आम इंसान ने फिल्मी स्टंट्स के जरिये ही देखा होगा. इनकी मोटर साइकिल की तेज गति पर अगर इनके पड़ोसियों को आपत्ति होती तो दोनों मारने-पीटने पर उतारु हो जाते. लिहाजा इनके पड़ोसियों ने भी इनसे दूरी बना रखी थी. बदमाश दिनेश उर्फ सन्नी ने कुछ दिन एक गारमेंट्स फैक्टरी में नौकरी भी की. मगर मेहनत करनी पड़ी तो वहां से भाग आया. राहुल पारचा नाम के बदमाश ने 12वीं की पढ़ाई भी पूरी नहीं की. राहुल ने भी पढ़ाई छोड़ने के बाद कुछ दिन रेहड़ी-ठेला लगाया, मगर मेहनत करने के चलते उसका भी मन नहीं लगा.'

डीसीपी सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट के अनुसार, राहुल पारचा के खिलाफ दिल्ली के कनाट प्लेस, लाजपत नगर, सनलाइट कालोनी, मंदिर मार्ग, न्यू फ्रेंड्स कालोनी, अमर कालोनी, हजरत निजामुद्दीन सहित अन्य तमाम थानों में आपराधिक मामले दर्ज पाए गए हैं. संबंधित थानों को भी इन दोनों बदमाशों की गिरफ्तारी के बारे में जानकारी दी जा रही है ताकि संबंधित थाने भी इनसे पूछताछ कर सकें.

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