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15 अगस्त नहीं बल्कि 18 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं यहां के लोग, बेहद दिलचस्प है वजह

12 अगस्त 1947 को ऑल इंडिया रेडियो पर भारत की आजादी की खबर सुनाई गई थी. इसके साथ ही रेडिया पर देश के दो हिस्सों में बंटने की भी खबर मिली थी.

Updated on: 16 Aug 2019, 10:00 PM

नई दिल्ली:

गुरूवार को देशभर में पूरे जोश और जुनून के साथ 73वां स्वतंत्रता दिवस मनाया गया. 15 अगस्त 1947 को ही हिंदुस्तान को अंग्रेजों के दमन से पूर्ण रूप से छुटकारा मिला था. लेकिन हमारे देश में एक जगह ऐसी भी है जहां आजादी का जश्न 15 अगस्त को नहीं बल्कि 18 अगस्त को मनाया जाता है. जी हां, पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में 15 नहीं बल्कि 18 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है. दरअसल ये पूरा मामला 12 अगस्त 1947 का है.

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12 अगस्त 1947 को ऑल इंडिया रेडियो पर भारत की आजादी की खबर सुनाई गई थी. इसके साथ ही रेडिया पर देश के दो हिस्सों में बंटने की भी खबर मिली थी. रेडियो पर बताए जा रहे समाचार में कहा गया कि नदिया जिला पाकिस्तान का हिस्सा होगा. बता दें कि नदिया एक हिंदू बाहुल्य क्षेत्र था लिहाजा पाकिस्तान में शामिल किए जाने की खबर के बाद वहां विद्रोह होने लगे. मामले ने इस कदर तूल पकड़ा कि वहां मौजूद दो धर्मों के बीच दंगे जैसे हालात बन गए थे.

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दरअसल नदिया जिले को पूर्वी पाकिस्तान (बांग्लादेश) में शामिल किया जाना एक प्रशासनिक त्रुटि थी. उस समय प्रशासनिक अधिकारी सर रेडक्लिफ ने बंटवारे के बाद भारत और पाकिस्तान का गलत नक्शा बना दिया था, जिसमें नदिया को पूर्वी पाकिस्तान का हिस्सा दिखाया गया था. नदिया में खराब होते जा रहे हालातों की सूचना जब अंतिम वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन तक पहुंची तो उन्होंने तुरंत सर रेडक्लिफ को नक्शे में सुधार करने के आदेश दिए.

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नक्शे में सुधार करने की पूरी प्रक्रिया में लंबा समय लगा, लिहाजा नदिया जिले को आधिकारिक तौर पर 17 अगस्त 1947 की आधी रात को भारत में शामिल किया गया. जिसके बाद कृष्णानगर लाइब्रेरी पर लगे पाकिस्तान के झंडे को उतारकर हिंदुस्तान का तिरंगा फहराया गया. जहां पूरे देश में 15 अगस्त 1947 को ही स्वतंत्रता दिवस मनाया तो वहीं दूसरी ओर नदिया जिले के लोगों ने 18 अगस्त को तिरंगा फहराकर आजादी का जश्न मनाया. नदिया के लोग अब सिर्फ 26 जनवरी और 15 अगस्त को ही नहीं बल्कि 18 अगस्त को भी तिरंगा फहराकर जश्न मनाते हैं.