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Loneliness: अकेलेपन से परेशान लोग दे रहे हैं जान, ये तस्वीर रुला देगी...

अकेलापन ऐसा दंश है, जिसे झेलने को लोग मजबूर हैं. ऐसे लोग, जिन्होंने पूरी जिंदगी सिर्फ कमाने के पीछे भागने में गुजार दी. ऐसे लोग, जिन्होंने अपने शारीरिक ताकत के दिनों में सबको हेय नजरों से देखा. ऐसे लोग, जो घमंडी थे. ऐसे लोग, जो...

Updated on: 09 Oct 2022, 10:14 AM

highlights

  • दुनिया में बढ़ी अकेलेपन की समस्या
  • तन्हाई की वजह से टूट कर मौत को गले लगा रहे लोग
  • गले लगाने के लिए मिलने लगी है पेड सर्विस

नई दिल्ली:

अकेलापन ऐसा दंश है, जिसे झेलने को लोग मजबूर हैं. ऐसे लोग, जिन्होंने पूरी जिंदगी सिर्फ कमाने के पीछे भागने में गुजार दी. ऐसे लोग, जिन्होंने अपने शारीरिक ताकत के दिनों में सबको हेय नजरों से देखा. ऐसे लोग, जो घमंडी थे. ऐसे लोग, जो सिर्फ अपने फायदे के लिए ही रिश्ते निभाते थे. या ऐसे भी लोग, जिन्होंने अपने बच्चों की परवरिश कुछ ऐसे तरीकों से की, कि बड़े होने के बाद बच्चे भी उनसे दूर हो गए. इस तरह के सभी लोग लगभग अकेलेपन का दंश अब महसूस कर रहे हैं. इसमें ऐसा भी बड़ा तबका है, जहां पारिवारिक जिंदगी में अकेलापन... मानो उन्हें जन्म के साथ ही विरासत में मिला हो. 

क्या जीवनशैली का है बड़ा रोल?

पश्चिमी देशों की सबसे बड़ी ताकत है, लोगों का कम उम्र में ही अपने पैरों पर खड़े हो जाना. बालिग होने के बाद अपनी जिंदगी अपने तरीके से जीना, जिसमें मां-बाप का हस्तक्षेप कम से कम होता है. सरकारें जहां बुजुर्गों का ध्यान रखती हैं, यानि किताबों में किस्सों में सोशल लाइफ की सिक्योर होती है, बच्चे कहीं भी हों. पश्चिमी देशों के सरकारों के बजट का बड़ा हिस्सा अपने सीनियर सिटिजन्स पर खर्च होता है. लेकिन इन सबके बावजूद उन सीनियर सिटिजन्स की लाइफ के आखिरी लम्हे बेहद मायूसी भरे होते हैं. ऐसी ही जिंदगी अपने कैमरे में कैद की एरिका एलीन नाम की लड़की ने. 

जिंदगी में पैसों के पीछे भागे, लेकिन इंसान भी कमाओ

एरिका नाम की लड़की ने टिकटोक पर एक वीडियो शेयर किया है. जिसमें एक व्यक्ति बीच के किनारे बेंच पर बैठकर डूबते हुए सूरत को देख रहा है. वो अपने कुत्ते के साथ बैठा हुआ है. उसे गले से लगाए हुए है और उसके शरीर पर अपना प्यार भरा स्पर्श दे रहा है. यूं दिखने में भले ही ये तस्वीर साधारण लग रही हो, लेकिन इस तस्वीर के पीछे की त्रासदी को हर कोई महसूस कर सकता है. सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि क्या इस व्यक्ति ने एक भी ऐसा इंसान नहीं कमाया पूरी जिंदगी, जो उसके आखिरी लम्हों में उसके साथ हो. इस अकेलेपन की जिंदगी से ऊबकर बहुत सारे लोग मौत को भी गले लगा चुके हैं. अखबारों में हम ऐसी कई खबरें पढ़ चुके हैं, जहां अकेले रह रहे व्यक्ति की मौत का पता भी कई दिनों बाद चला है, जब उसके कमरे से बदबू आने लगी हो.

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इस समस्या का समाधान भी पैसा है...

इसी अकेलेपन के दंश से निकालने के लिए अब कई ऐसी कंपनियां, एनजीओ भी सामने आई हैं, जो हग करने के लिए (गले लगाने के लिए) सर्विस दे रही हैं. कुछ नि:शुल्क हैं, जो कुछ पेड सर्विस भी. जापान में एक कंपनी अकेले लोगों को रात भर का साथी उपलब्ध कराती हैं, इस शर्त पर कि कोई शारीरिक संबंध स्थापित नहीं होगा. वो सिर्फ गले लगकर आपको अच्छी नींद देगा. सोचिए, हमारी दुनिया किस मोड पर खड़ी है कि उसे आज बेहतर स्पर्श पाने तक के लिए पैसे चुकाने पड़ रहे हैं.