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इंडियन नेवी के जवान ने गढ़ी अपने ही किडनैप की कहानी! फिर ऐसे हुई दर्दनाक मौत

पुलिस ने बताया कि सूरज ने 5 फरवरी को पालघर के तलासरी में एक पेट्रोल पंप पर जाकर 2 बोतल डीजल खरीदा था. इसके ठीक एक दिन बाद यानि 6 फरवरी को सूरज बुरी तरह से जली हुई अवस्था में मिला था

Updated on: 25 Feb 2021, 10:17 AM

highlights

  • चेन्नई से लापता हुआ था इंडियन नेवी का जवान सूरज कुमार
  • पालघर में जली हुई अवस्था मिला था जवान
  • इलाज के दौरान नेवी अस्पताल में तोड़ दम

पालघर:

महाराष्ट्र के पालघर में नौसेना के एक नाविक की मौत की खबर में पुलिस ने चौंकाने वाला बयान दिया है. बुधवार को पालघर पुलिस ने कहा कि भारतीय नौसेना के जिस नाविक को कथित तौर पर किडनैप कर जिंदा जलाया गया था, उसकी कहानी मनगढ़ंत हो सकती है. पुलिस ने कहा कि नौसेना का नाविक भारी कर्ज के बोझ में दबा हुआ था. पुलिस को संदेह है कि उसने भारी कर्ज की वजह से आत्महत्या की होगी. बताते चलें कि भारतीय नौसेना के जवान सूरज कुमार मिथिलेश दुबे की करीब एक हफ्ते पहले मौत हो गई थी. सूरज की दुखद मौत के एक हफ्ते बाद पालघर पुलिस ने यह चौंकाने वाला बयान दिया है.

बता दें कि नौसेना के जवान को कथित तौर पर चेन्नई से अगवा कर जिंदा जलाने की घटना सामने आई थी. वारदात महाराष्ट्र के पालघर जिले की है. मृतक दुबे आईएनएस अग्रणी कोयंबटूर में तैनात थे. लापता होने के कई दिनों बाद वह मुंबई के एक नाले से जख्मी हालत में मिले थे. उन्होंने नौसेना के अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था. पालघर के पुलिस अधीक्षक दत्तात्रेय शिंदे ने मीडियाकर्मियों से कहा कि चेन्नई, मुंबई और पालघर में उपलब्ध साक्ष्य और सीसीटीवी रिकॉर्ड के आधार पर ऐसा प्रतीत होता है कि दुबे ने बड़े पैमाने पर लिए गए कर्ज के कारण खुद के अपहरण का जाल बुना और आग लगाकर आत्महत्या कर ली. पुलिस को सीसीटीवी फुटेज से एक बड़ा सबूत मिला है.

पुलिस ने बताया कि सूरज ने 5 फरवरी को पालघर के तलासरी में एक पेट्रोल पंप पर जाकर 2 बोतल डीजल खरीदा था. इसके ठीक एक दिन बाद यानि 6 फरवरी को सूरज बुरी तरह से जली हुई अवस्था में मिला था. भारतीय नौसेना के जवान सूरज कुमार एम. दुबे मूल रूप से झारखंड के रहने वाले थे. शिंदे ने कहा, हमने मामले की जांच के लिए 10 टीमों का गठन किया था. उन्होंने कहा कि इस मामले में पुलिस को बहुत अहम बातों का मालूम चला है. फिलहाल पुलिस इस बात का पता लगाने में जुटी है कि वह चेन्नई से 1,480 किलोमीटर दूर पालघर कैसे और क्यों आया था.