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आज ही के दिन 167 साल पहले यात्रियों को लेकर चली थी कभी न रुकने वाली भारतीय रेल, लेकिन कोरोना ने रोक दी रफ्तार

विश्व युद्ध जैसी परिस्थितियों में भी कभी नहीं रुकने वाली भारतीय रेल कोरोना की वजह से रुक गई है. रेलवे ने अपनी सभी यात्री सेवाओं को 3 मई तक के लिए रोक दिया है.

Updated on: 16 Apr 2020, 02:14 PM

नई दिल्ली:

भारत में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में लगातार तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक गुरूवार को कुल मामलों की संख्या 12,380 हो चुकी है. चीन से आए इस भयानक वायरस की वजह से हमारे देश में अभी तक कुल 414 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 1489 लोग कोरोना को मात दे चुके हैं. तेजी से बढ़ रहे मामलों को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 मई तक पूरे देश में लॉकडाउन बढ़ा दिया है. इससे पहले पीएम मोदी ने 14 अप्रैल तक के लिए ही लॉकडाउन किया था.

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कोरोना वायरस की वजह से पूरे देश की रफ्तार थमी हुई है. विश्व युद्ध जैसी परिस्थितियों में भी कभी नहीं रुकने वाली भारतीय रेल कोरोना की वजह से रुक गई है. रेलवे ने अपनी सभी यात्री सेवाओं को 3 मई तक के लिए रोक दिया है. हालांकि, भारतीय रेल इस मुसीबत की घड़ी में माल गाड़ियों के जरिए जरूरी सामानों की सप्लाई तेजी से कर रही है. पूरे देश में केवल माल गाड़ी ही चल रही हैं. इसके अलावा कोरोना के खिलाफ जारी लड़ाई में रेलवे मरीजों के लिए बोगियों में आइसोलेशन अस्पताल भी तैयार कर रही है.

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बताते चलें कि भारतीय रेल ने यात्री ट्रेन के तौर पर आज ही के दिन 167 साल पहले आधिकारिक तौर पर पटरियों पर रफ्तार भरी थी. भारतीय रेल की पहली पैसेंजर ट्रेन 16 अप्रैल, 1853 को बॉम्बे से ठाणे के बीच सफर तय किया था. इस मौके पर रेल मंत्रालय ने ट्विटर पर एक तस्वीर शेयर की है. तस्वीर के साथ रेल मंत्रायल ने कैप्शन में लिखा है, ''आज ही के दिन 167 साल पहले 'कभी न रुकने' के जोश के साथ मुंबई से ठाणे जाने वाली पहली पैसेंजर ट्रेन के पहियों ने पटरी पर रफ्तार पकड़ी थी. उस दिन के बाद से पहली बार, आपकी सुरक्षा के लिए यात्री सेवाएं रोक दी गई हैं. घर में ही रहें और देश को विजयी बनाएं.''