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शिरडी को दान में मिले तीन करोड़ के पुराने 500-1000 के नोट, ट्रस्ट हरकत में आया

नोटबंदी को पांच साल गुजर जाने के बाद भी साईं की हुंडियों में लगातार यह नोट मिलने से ट्रस्ट की चिंता बढ़ गई है

Updated on: 05 Feb 2022, 02:11 PM

नई दिल्ली:

शिरडी के साईं बाबा की हुंडी से सोना चांदी के साथ पांच सौ और हजार के पुराने नोट निकलने का सिलसिला जारी है. इसके कारण शिरडी साईं ट्रस्ट की चिंता बढ़ गई है. नोटबंदी से लेकर आज की तारीख में संस्थान के करोड़ों रुपयों के पुराने नोट (old currency) जमा हैं. नोटबंदी को पांच साल गुजर जाने के बाद भी साईं की हुंडियों में लगातार यह नोट मिलने से ट्रस्ट की चिंता बढ़ गई है. इसके लिए केंद्रीय गृह  विभाग और भारतीय रिजर्व बैंक से संपर्क बना रहा है. शिरडी के साईं बाबा मंदिर देश का नंबर दो का तीर्थ स्थल माना जाता है. यहां पर वर्ष भर में कोरोड़ों श्रद्धालु साईदर्शन के लिए हाजिरी लगाते है. जो भक्त साईं समाधी के दर्शन के लिए आता है वो यहां दान करता है. कोई सोना-चांदी,तो कोई नगद दान  देता है, इसकी काउंटिंग हर हफ्ते होती है. नवंबर 2016 को नोटबंदी के बाद साईं ट्रस्ट ने भक्तों से अपील करते हुए पुराने नोट हुंडियों में न डालने की अपील की थी. 

हजार के नोट साईं संस्थान को प्राप्त हो रहे हैं

इसके बावजूद लोग साईं के हुंडियों में पुराने नोटों का चढावा डालते हुए दिखाई देते हैं. हर कैश काउंटिंग में पुराने पांच सौ और हजार के नोट साईं संस्थान को प्राप्त हो रहे हैं. इस कारण साईं ट्रस्ट की चिंता बढ़ती दिखाई दे रही है. हुंडियों में मिल रहा दान गुप्त दान होता है, इस पर संस्थान कोई रोक टोक नहीं सकता है. इसलिए अब तक लगभग तीन करोड़ रुपये साई संस्थान के पास जमा होने की बात सामने आ रही है.

नोटबंदी के पांच सालों के बाद शिरडी का साईं ट्रस्ट हरकत में आया है और पुराने नोटों को बदलने के लिए प्रयास कर रहा है. साईं संस्थान की प्रशासकीय अधिकारी भाग्यश्री बानायत के अनुसार, बीते चार माह से इस पर काम चल रहा है, साईं भक्त ने श्रद्धा से यह दान साई की हुंडियों में अर्पण किया है. इसका उपयोग भक्तों की सुविधा और साईं ट्रस्ट के कामकाज के लिए होना जरूरी है. 

इस बारे में गृह विभाग से पत्र और संपर्क किया था, जिससे सकारात्मक परिणाम मिला है, गृह विभाग में इस विषय के लिए भारतीय रिजर्व बैंक से संपर्क करने के लिए कहा है, साईं संस्थान अब आरबी आय से इस बारे में अपील कर रहा है और निश्चित सकारात्मक परिणाम मिलेगा यह अपेक्षा साईं ट्रस्ट ने की है.

साईं ट्रस्ट शिरडी के सीईओ भाग्यश्री बानायत ने बताया कि फिलहाल कोरोना महामारी के कारण शिरडी में भक्तों की संख्या कम दिखाई देती है, इसलिए हफ्ते में एक बार हुंडिया खोली जाती है, लेकिन भीड़ के वक्त हफ्ते में इसे दो बार इसे खोला जाता था.