समुद्र की गहराई में मिली नई दुनिया, नजारे देख वैज्ञानिक भी हो गए हैरान
वंडरलैंड मेक्सिको के पास कैलिफोर्निया की खाड़ी में वैज्ञानिकों को यह बेहद खूबसूरत नजारा देखने को मिला है. जहां पर प्राकृतिक चिमनी, 287 डिग्री सेल्सियस पर उबलता पानी, हैरतअंगेज जीव और अजीबो-गरीब कीड़े-मकौड़े हैं.
नई दिल्ली:
समुद्र के नीचे वैज्ञानिक लगातार खोज कर रहे हैं. वैज्ञानिकों ने एक ऐसी नई और बेहद खूबसूरत दुनिया का पता लगाया है जहां कई हैरत अंगेज चीजें दिखाई दी हैं. वैज्ञानिकों ने मेक्सिको के ला पाज शहर के तट से थोड़ा दूर कैलिफोर्निया की खाड़ी में एक अंडरवाटर रोबोट भेजा. इसका मुख्य उद्देश्य समुद्री दुनिया की जानकारी को हासिल करना था. इसमें वैज्ञानिकों ने 80 फीट ऊंचे समुद्री टीले दिखे, जो प्राकृतिक चिमनी की तरह गर्म धूल और धुएं के गुबार निकाल रहे थे. इतना ही नहीं कुछ अजीबो-गरीब कीड़े-मकौड़े दिखाई पड़े. वैज्ञानिकों को यहां पर 6 नई प्रजाति के जीव भी मिले, जिन्हें पहले कभी नहीं देखा गया था.
वंडरलैंड मेक्सिको के पास दिखा खूबसूरत नजारा
वंडरलैंड मेक्सिको के पास कैलिफोर्निया की खाड़ी में वैज्ञानिकों को यह बेहद खूबसूरत नजारा देखने को मिला है. जहां पर प्राकृतिक चिमनी, 287 डिग्री सेल्सियस पर उबलता पानी, हैरतअंगेज जीव और अजीबो-गरीब कीड़े-मकौड़े हैं. इस खूबसूरत दुनिया का पता तब चला जब एक अंडरवॉटर रोबोट इस इलाके में पहुंचा.
272 फीट लंबे जहाज ने की खोज
वैज्ञानिकों ने इस नई दुनिया की खोज के लिए 272 फीट लंबे जहाज फाल्कोर (Falkor) को कैलिफोर्निया की खाड़ी में उतारा. इसकी खासियत ये थी कि इसमें एक अंडरवाटर रोबोट भी था. जब इस रोबोट का गहराई में भेजा गया तो समुद्र की तलहटी के पास हुए कई खूबसूरत नजारे मिले. यहां एक चिमनी और समुद्री मिट्टी के सैंपल के अलावा कई विचित्र जीव और ऊंचे-ऊंचे टीले देखे. इससे पहले इन्हें कहीं और नहीं देखा गया था. सोनार सिस्टम के जरिए समुद्री इलाके का नक्शा बना रहा था.
कुछ टीले ऐसे भी दिखाई दिए जो 164 फीट इलाके में फैले थे और 84 फीट ऊंचे थे. एन्सेनाडा सेंटर फॉर साइंटिफिक रिसर्च एंड हायर एजुकेशन की जियोलॉजिस्ट रॉक्वेल नेग्रे अरांडा ने बताया कि यह धरती का एक नल जैसा सिस्टम है, जिससे गर्म गैसें और खनिज निकलते हैं. इसके अलावा यहां पर कई प्रकार के कीड़े-मकौड़े और जीव मिले. इसके अलावा छह नई प्रजातियों के जीव देखे गए, जिसके बारे में अभी तक इंसानों को पता नहीं था. इसमें क्रस्टेशिंयस, मोलस्क, राउंडवर्म, ऐरो वर्म और ब्रिस्टल वर्म मौजूद हैं. अब वैज्ञानिक इन छह नई प्रजातियों के जीवों का अध्ययन करने में जुटने वाले हैं, इनके जेनेटिक्स से लेकर इनके फिजियोलॉजिकल व्यवहार के बारे में गहन स्टडी करेंगे.
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