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New Parliament: नई संसद की वो बातें जो आपको नहीं पता! जानकर रह जाएंगे हैरान

New Parliament: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 मई को भारतीय लोकतंत्र के नए मंदिर (नए संसद भवन) को देश को समर्पित कर दिया. प्रधानमंत्री मोदी ने पूजा अर्चना और सर्व धर्म प्राथना सभा के साथ देश के नए संसद भवन का उद्घाटन किया

Updated on: 30 May 2023, 09:06 AM

New Delhi:

New Parliament: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 मई को भारतीय लोकतंत्र के नए मंदिर (नए संसद भवन) को देश को समर्पित कर दिया. प्रधानमंत्री मोदी ने पूजा अर्चना और सर्व धर्म प्राथना सभा के साथ देश के नए संसद भवन का उद्घाटन किया. प्रधानमंत्री ने इस दौरान सत्ता हस्तांतरण का प्रतीक माने जाने वाले शेंगोल को भी नई संसद में स्थापित किया. शेंगोल एक राजदंड है, जिसको आजादी के समय (14 अगस्त 1947 ) को भारत में अंअंतिम ब्रिटिश वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन ने देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू को सौंपा था. तब शेंगोल को प्रयागराज स्थित आनंद भवन ( म्यूजियम ) में रख दिया गया था. लेकिन अब पीएम मोदी ने शेंगोल को नई संसद में लोकसभा स्पीकर की चेयर के ठीक पीछे स्थापित किया है. 

क्या है शेंगोल

दरअसल, शेंगोल सत्ता हस्तांतरण का एक प्रतीक माना जाता है. यह एक पांच फीट लंबी चांदी की छड़ी है, जिसको सोने से कवर किया गया है. शेंगोल में सबसे ऊपर नंदी जी की प्रतिमा है, जिसको न्याय के प्रतीक के तौर पर रखा गया है. सत्ता हस्तांतरण की यह परंपरा 8वीं सदी में सबसे ज्यादा प्रचलन में थी. दक्षिण के चौल साम्राज्य में एक राजा दूसरे राजा को सत्ता हस्तांतरण के समय यह राजदंड देता था. यही वजह है कि आजादी के समय जब अंग्रेज भारतवासियों को सत्ता हस्तांतरण करके वापस जा रह थे तो भारत के तत्कालीन हुक्मरान इस पल को कुछ खास बनाना चाहते थे. क्योंकि भारत जैसे बड़े राष्ट्र की सत्ता केवल हाथ मिलाकर नहीं सौंपी जा सकती थी. इसलिए पंडित जवाहर लाल नेहरू के आग्रह पर चक्रवर्ती राजगोपालाचारी ( राजा जी ) ने सत्ता हस्तातंरण को एतिहासिक बनाने का उपाय खोजा. पूरे शोध के बाद शेंगोल को इसके लिए चुना गया. इसके लिए तमिलनाडु के अधिनम संतों ने शेंगोल को तैयार कर इसको पहले लॉर्ड माउंटबेटन को सौंपा और फिर उनसे लेकर पंडित जवाहर लाल नेहरू को. 

  • -10 दिसंबर 2020 को नए संसद भवन की आधारशिला रखी गई
  • - 65000 वर्ग मीटर में फैला संसद भवन
  • -इमारत बनाने में लगभा 60 हजार श्रमिकों को योगदान
  • - 23 लाख मानव दिवस से अधिक रोजगार
  • -भवन में प्रवेश के 6 द्वार
  • - लोकसभा कक्ष राष्ट्रीय पक्षी मोर से प्रेरित
  • - राज्यसभा कक्ष राष्ट्रीय पुष्म कमल से प्रेरित
  • - डिजीटल फॉर्मेंट- कार्यवाही को किसी भी भाषा में सुनने का विकल्प
  • - पेपर लैस संसद की कार्यवाही
  • - भारतीय संविधान की डिजीटल कॉपी रखी गई
  • - नए संसद भवन के निर्माण में भारत के हर भाग ने अपनी भागीदारी निभाई
  • - महाराष्ट्र की सागौन की लकड़ी
  • - राजस्थान का स्टोनवर्क
  • -  यूपी के कालीन
  • - त्रिपुरा का बैंबू वुडवर्क
  • - गुजरात का रफेद मार्बल
  • - इको फ्रेंडली भवन
  • - भूकंप रोधी बिल्डिंग
  • - 1700 से ज्यादा दरवाजे खिड़कियां
  • - 3.5 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर