राजस्थान का अजमेर में हनुमान जी का एक ऐसा मंदिर है जिसकी सेवा कोई इंसान नहीं बल्कि एक बंदर करता है. जी हां, रामू नाम का एक बंदर पिछले 8 साल से अजमेर के बजरंगगढ़ में स्थित इस प्राचीन मंदिर की सेवा कर रहा है. बजरंग बली का यह मंदिर ही रामू की पूरी दुनिया है. वह इसी मंदिर में खाता है, पीता है और सोता भी है.
हनुमान जी की आरती के समय रामू घंटी और झाल बजाता है और भजन के समय डांस भी करता है. हनुमान चालीसा के पाठ के समय रामू बिल्कुल शांत हो जाता है और बड़े ध्यान से इस सुनता है. आपको जानकर हैरानी होगी की मंदिर में आने वाले हनुमान भक्तों को स्वयं रामू आशीर्वाद देता है. अन्य हनुमान भक्तों की तरह रामू भी अपने माथे पर भगवा टीका लगवाता है. खास बात ये है कि टीका लगवाते समय रामू बिल्कुल भी हिलता-डुलता भी नहीं है.
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ओंकार सिंह हनुमान जी के इस मंदिर की चौकीदारी करते हैं. वे बताते हैं कि उनका और रामू का बेहद ही करीबी रिश्ता है. ओंकार सिंह बताते हैं कि रामू करीब 8 साल पहले किसी मदारी से छूटकर यहां आया था, उसी दिन से इसी मंदिर में रह रहा है. ओंकार जी मानें तो रामू जिस वक्त मंदिर में आया था, उस वक्त उसकी तबियत काफी खराब थी. ऐसी स्थिति में ओंकार जी ने ही रामू की बहुत सेवा की थी. इसी वजह से दोनों के बीच काफी गहरा रिश्ता बन गया.
मंदिर आने वाले भक्त भी रामू को काफी मानते हैं. उनका कहना है कि रामू साक्षात भगवान बालाजी के रूप मंदिर की सेवा और सुरक्षा कर रहा है. बता दें कि इस मंदिर में स्थित भगवान हनुमान की मूर्ति का मुंह खुला हुआ है.
Source : News Nation Bureau