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चमत्कारः डॉक्टरों के मृत बताने पर पिता ने दफनाया, कब्र खोदा तो बच्चा मिला जिंदा

जम्मू के बनिहाल जिले से स्वास्थ्य विभाग की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है. जहां एक नवजात बच्चे को पैदा होते ही डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया, लेकिन जब परिवार बच्चे को दफन करने के बाद किन्हीं कारणों से बच्चे को बाहर निकाला तो बच्चा कब्र में जिंदा मिला.  

Updated on: 24 May 2022, 02:13 PM

highlights

  • जम्मू के बनिहाल में डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही आई सामने
  • जिंदा बच्चे को घोषित कर दिया मृत बताकर दफ्नाने को दि दिया
  • विवाद के बाद पिता ने कब्र को खोदा तो बच्चा निकला जिंदा

श्रीनगर:

जम्मू के बनिहाल जिले से स्वास्थ्य विभाग की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है. जहां एक नवजात बच्चे को पैदा होते ही डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया, लेकिन जब परिवार बच्चे को दफन करने के बाद किन्हीं कारणों से बच्चे को बाहर निकाला तो बच्चा कब्र में जिंदा मिला.  इसके बाद पिता बच्चे को लेकर दोबारा अस्पताल पहुंचा, जहां से बच्चे को श्रीनगर अस्पताल रेफर कर दिया गया है. इस घटना की जानकारी मिलने के बाद स्थानीय लोगों का अस्पताल के बाहर तांता लग गया. लोगों ने अस्पताल की इस बड़ी लापरवाही के विरोध में प्रदर्शन शुरू कर दिया. 

मामला सोमवार दोपहर का है. जम्मू के बनिहाल के बनोकोट से एक महिला शिशु को जन्म देने के लिए बनिहाल जिला अस्पताल पहुंची थी. मरीज की देख रेख कर रहे डॉक्टर और नर्सों ने डिलीवरी के बाद परिवार को बताया कि बच्चा मरा हुआ पैदा हुआ है, जिसके बाद बच्चे को पिता को दफनाने के लिए दे दिया गया, जिसके बाद पिता बच्चे को स्थानीय कब्रिस्तान में दफना भी आया.  लेकिन कुछ देर के बाद कब्रिस्तान की देख रेख कर रहे शख्स ने इस बात पर आपत्ति जताई, जिसके बाद पिता ने बच्चे को एक बार फिर से कब्र से बाहर निकाला. जब पिता ने बच्चे को बाहर निकाला तो बच्चे की सांसें चल रही थी, जिसके बाद पिता बच्चे को लेकर दोबारा अस्पताल पहुंचे, जहां से बच्चे को श्रीनगर अस्पताल रेफर कर दिया गया है. 

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इस घटना की सूचना मिलने के बाद स्थानीय लोगों का अस्पताल के बाहर तांता लग गया. स्थानीय लोगों ने इस बड़ी लापरवाही के विरोध में प्रदर्शन शुरू कर दिया है. आनन फानन में प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर पहुंचे. प्रारंभिक जांच के बाद प्रशासन ने एक महिला नर्स और सफाई कर्मचारी के विरुध तुरंत कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया और बीएमओ की अध्यक्षता में 3 सदस्यीय जांच टीम का गठन कर दिया है. वहीं, स्थानीय लोगों का गुस्सा इस मामले में अब भी ठंडा नहीं हुआ है और लोग लगतार स्वास्थ्य विभाग में तैनात डॉक्टर और दूसरे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.