चेन्नई के मस्जिद ने रमजान के महीने में पेश की मिशाल
रमजान का महीने को पवित्र माना जाता है और इस पवित्र महीने में विश्वासी जरूरतमंदों को भिक्षा देते हैं, गरीबों को भोजन कराते हैं और समाज में कमाल दिखाते हैं.
highlights
- अन्ना नगर (पूर्व) में एक मस्जिद, मस्जिद जाविद, इन मुश्किल समयों के दौरान मिसाल पेश की
- जो लोग या परिवार कोरोना पॉजिटिव होने के बाद घर पर क्वारंटीन की सुविधा नहीं थी, उन्हें क्वारंटीन की सुविधा मुहैया कराई
- मस्जिद समिति ने सर्वसम्मति से फैसला किया कि हम अपने मस्जिद परिसर को क्वारंटीन के लिए देंगे
चेन्नई:
कोरोना वायरस की दूसरी लहर से देश बुरी तरह प्रभावित हुआ है. हालात ये हैं कि हर दिन कोरोना संक्रमण के मामले 4 लाख के करीब पहुंच रहे हैं. इसी बीच एक अच्छी खबर ये आयी है, अन्ना नगर (पूर्व) में एक मस्जिद, मस्जिद जाविद, इन मुश्किल समयों के दौरान मिसाल पेश की, जो लोग या परिवार कोरोना पॉजिटिव होने के बाद घर पर क्वारंटीन की सुविधा नहीं थी, उन्हें क्वारंटीन की सुविधा मुहैया कराई. मस्जिद प्रबंधन ने स्पष्ट किया कि यह एक कोविड केयर केंद्र नहीं था, बल्कि उन लोगों के लिए एक छोटा प्रवास था जो कोविड नेगेटिव हैं, लेकिन ठहरने के लिए जगह की आवश्यकता है. रमजान का महीने को पवित्र माना जाता है और इस पवित्र महीने में विश्वासी जरूरतमंदों को भिक्षा देते हैं, गरीबों को भोजन कराते हैं और समाज में कमाल दिखाते हैं. विभिन्न समूहों और राजनीतिक नेताओं द्वारा आयोजित शाम को रमजान की दावतें उच्च और शक्तिशाली लोगों के लिए मिलन स्थल बन जाती हैं, लेकिन कोविड की वजह से सब कुछ रोक दिया था.
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मस्जिद के सचिव मोहम्मद यूसुफ ने बताया, "अन्ना नगर और आसपास के इलाके घनी आबादी वाले हैं और काफी संख्या में ऐसे लोग हैं जो तंग जगहों पर रहते हैं. मस्जिद समिति ने सर्वसम्मति से फैसला किया कि हम अपने मस्जिद परिसर को क्वारंटीन के लिए देंगे."
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उन्होंने कहा, "मस्जिद परिसर को कोविड देखभाल केंद्र में परिवर्तित करने के लिए अनुमति और चिकित्सा टीमों की आवश्यकता होती है, इसलिए हमने क्वारंटीन के लिए अपनी जगह देने का निर्णय लिया."हालांकि, जो लोग क्वारंटीन में हैं, उन्हें अपने खाने की व्यवस्था खुद करनी होगी और घर का बना खाना मस्जिद के दरवाजे पर पहुंचाया जा सकता है. रहने वाले भी स्वतंत्र रूप से मस्जिद में पुस्तकालय का लाभ उठा सकते हैं.
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