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रेलवे ने गलती से लिए 20 रुपये एक्सट्रा, शख्स ने किया मुकदमा, 22 साल बाद आया फैसला

Offbeat News: मामला 22 साल पुराना साल 1999 का है. एक शख्स से रेलवे ने गलती से 20 रुपये ज्यादा वसूल लिए थे, जिस पर नाराज होकर शख्स ने मुकदमा कर दिया. उम्र का बड़ा हिस्सा इस केस के चक्कर में चप्पलें घिसने के बाद शख्स को आखिरकार फैसला उसके हक में मिला.

Updated on: 13 Aug 2022, 04:08 PM

नई दिल्ली:

Offbeat News: इस दुनिया में बहुत से लोग ऐसे होते हैं जो अपने वसूलों के पक्के होते हैं और अपनी खुद्दारी के लिए जाने जाते हैं. एक नया मामला बेहद हैरतअंगेज है जिसे जानने के बाद शायद आप भी एक पल के लिए सोच में पड़ जाएं. दरअसल मामला 22 साल पुराना साल 1999 का है. एक शख्स से रेलवे ने गलती से 20 रुपये ज्यादा वसूल लिए थे, जिस पर नाराज होकर शख्स ने मुकदमा कर दिया. उम्र का बड़ा हिस्सा इस केस के चक्कर में चप्पलें घिसने के बाद शख्स को आखिरकार फैसला उसके हक में मिला. यहां गौर करने वाली बात तो ये कि ये मामला केवल 20 रुपये से जुड़ा था, जिसके लिए शख्स ने अपनी जिंदगी के 22 साल निकाल दिए. इस खुद्दार शख्स का नाम तुंगनाथ चतुर्वेदी बताया जा रहा है. 

साल 1999 में ली थी ट्रेन की टिकट
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो साल 1999 में तुंगनाथ चतुर्वेदी ने मथुरा जाने के लिए टिकट लिया था.  इसके लिए टिकट का किराया 35 रुपये था, क्यों कि तुंगनाथ को दो टिकट लेनी थी उन्होंने 100 रुपये का नोट ही काउंटर पर जमा करवाया. जिसके बाद उन्हें केवल 10 रुपये ही वापिस मिले थे. रेलवे द्वारा गलत चार्ज करने पर उन्होंने 22 साल पहले कोर्ट में मुकदमा दर्ज करवा दिया. आश्चर्य वाली बात ये कि अब साल 2022 में इस पर कोर्ट का फैसला आया है. कोर्ट ने मामले में रेलवे को दोषी माना है. इसके लिए कोर्ट ने आदेश दिया है कि रेलवे शख्स को 280 रुपये और 40 पैसे का मुआवजा देगी. 

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परेशानियों की भी होगी भरपाई
कोर्ट का मामले पर फैसला आ जाने के बाद तुंगनाथ चतुर्वेदी बेहद खुश हैं. क्यों कि कोर्ट भी मानती है कि तुंगनाथ चतुर्वेदी ने अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा इस मामले की सुनवाई में लगा दिया, इसलिए मुआवजे के तौर पर उन्हें 15000 रुपये की रकम भी मिलेगी. अगर रेलवे समय पर मुआवजा नहीं भरती है तो अतिरिक्त चार्ज भी वसूले जाएंगे. आपको बता दें तुंगनाथ चतुर्वेदी  पेशे से एक वकील हैं.