लाइब्रेरी की बुक लौटाने में लगे 48 साल! 6 लाख बनी लेट फी, यूजर्स का चकराया दिमाग
Library Book Returned After 48 Years: किताबें पढ़ने के शौकीन लोग एक किताब को पढ़ने में 4 से 5 दिन का टाइम लेते हैं. यही वजह होती है कि एक किताब को लौटाने का समय 15- 30 दिन के बीच रखा जाता है. ताकि किसी दूसरे रीडर को भी किताब मिल सके.
highlights
- किताब पर लेट फी माफ ना होती तो भरने पड़ते 6 लाख रुपये
- एक जज ने अपने कॉलेज के दिनों में ली थी लाइब्रेरी से किताब
- लाइब्रेरी ने ट्विटर से पता लगाया गया किताब भेजने वाले सेंडर का
नई दिल्ली:
Library Book Returned After 48 Years: लाइब्रेरी से लोग अक्सर किताबें पढ़ने के लिए लेते हैं. किताबें पढ़ने के शौकीन लोग एक किताब को पढ़ने में 4 से 5 दिन का टाइम लेते हैं. यही वजह होती है कि एक किताब को लौटाने का समय 15- 30 दिन के बीच रखा जाता है. ताकि किसी दूसरे रीडर को भी किताब मिल सके लेकिन कई बार कुछ लोग लाइब्रेरी से किताब ले तो लेते हैं पर उसे घर पर रख कर भूल जाते हैं.
ऐसे में लेट फी का डर ही उन्हें किताब टाइम पर लौटाने को मजबूर करता है.अगर आप भी ऐसा करते हैं तो इस खबर को पढ़ना चाहिए. एक मामले में लाइब्रेरी की किताब ना लौटाने वाले की लेट फीस 6 लाख रुपये के करीब बन गई, जी हां यानि किताब की कीमत से कई गुना ज्यादा. ये मामला ब्रिटेन की एक लाइब्रेरी का है.
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48 सालों बाद आखिरकार लौटाई किताब
ब्रिटिश लाइब्रेरी में एक किताब 48 साल बाद कुरियर की जाती है. जिस देखकर लाइब्रेरियन की चेहरे पर गजब की खुशी थी. दरअसल किताब को कनाडा से लौटाया गया था. गनीमत रही कि इस किताब पर रीडर को लेट फी नहीं भरनी पड़ी क्यों कि इतने सालों तक किताब को रखने की फी लाखों रुपये बन चुकी थी.
Wandsworth Libraries has a new longest overdue book. Returned after 48 years and 107 days. Thank you to whoever sent it back to Tooting Library from Port Moody in Canada. The questions is, how did it get there? pic.twitter.com/5qb1wCHPod
— Wandsworth Libraries (@wandsworthlibs) June 6, 2022
एक जज ने ली थी कॉलेज के दिनों में किताब
48 साल बाद किताब को भेजने वाला शख्स एक जज था. जिसने कॉलेज के दिनों में किताब लाइब्रेरी से ली थी. दरअसल किताब भेजने वाले शख्स का पता लगाने के लिए एक ट्वीट किया गया था. जिसके बाद जानकारी सामने आई कि 72 साल के टोनी स्पेंस ने टूटिंग लाइब्रेरी से किताब ली थी और वह अब एक रिटायर्ड जज है. जज ने किताब को 1974 में अपने कॉलेज के दिनों में लिया था. सालों बाद जब टोनी स्पेंस को किताब का ख्याल आया तो उसने कुरियर के जरिए किताब पहुंचाई. किताब को टोनी स्पेंस ने 48 वर्ष और 107 दिनों बाद सौंपा.
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