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जानें 'तौकते' का क्या मतलब, कैसे रखे जाते हैं तूफानों के नाम

उत्तरी हिंद महासागर में राष्ट्रों ने 2000 में उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के नामकरण के लिए एक नई प्रणाली का उपयोग करना शुरू किया; ये नाम एल्फाबेट और तटस्थ लिंग के हिसाब से देश के अनुसार सूचीबद्ध हैं.

Updated on: 15 May 2021, 10:22 PM

highlights

  • इस चक्रवाती तूफान का नाम 'तौकते' म्यामांर ने दिया
  • जिसका अर्थ है "गेको", जिसका बर्मीज़ में मतलब तेज आवाज निकालने वाली छिपकली होता है

नई दिल्ली:

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने  शनिवार को चक्रवाती तूफान ''तौकते' की जानकारी दी थी, और इसके 18 मई के आसपास पोरबंदर और नलिया के बीच गुजरात तट को पार करने की आशंका बताई जा रही है. विभाग ने अनुसार 'तौकते' 16-18 मई तक एक बहुत ही भयंकर चक्रवाती तूफान का रूप ले लेगा. वैसे बता दें, इस चक्रवाती तूफान का नाम 'तौकते' म्यामांर ने दिया है. जिसका अर्थ है "गेको", जिसका बर्मीज़ में मतलब तेज आवाज निकालने वाली छिपकली होता है. यह भारतीय तट पर इस साल का यह पहला चक्रवाती तूफान होने जा रहा है. विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्लूएमओ) के तत्वावधान में ट्रॉपिकल चक्रवातों को आधिकारिक तौर पर दुनिया भर में फैले इसके एक चेतावनी केंद्र द्वारा नाम दिया जाता है. चूंकि ट्रॉपिकल चक्रवात एक सप्ताह या उससे अधिक समय तक रह सकते हैं, ऐसे में एक समय में एक से अधिक चक्रवात हो सकते हैं. इस प्रकार तूफानों को नाम दिए गए हैं ताकि पूर्वानुमान करते समय भ्रम की स्थिति से बचा जा सके. सामान्य तौर पर, उष्णकटिबंधीय चक्रवातों का क्षेत्रीय स्तर पर नियमों के अनुसार ही नाम दिया जाता है. हिंद महासागर और दक्षिण प्रशांत क्षेत्र में, उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के नाम एल्फाबेटिकली और महिलाओं और पुरुषों के नाम पर होते हैं.

ऐसे तय किये जाते है तुफानों के नाम

उत्तरी हिंद महासागर में राष्ट्रों ने 2000 में उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के नामकरण के लिए एक नई प्रणाली का उपयोग करना शुरू किया; ये नाम एल्फाबेट और तटस्थ लिंग के हिसाब से देश के अनुसार सूचीबद्ध हैं. सामान्य नियम यह है कि नाम सूची एक विशिष्ट क्षेत्र के WMO सदस्यों के राष्ट्रीय मौसम विज्ञान और जल विज्ञान सेवाओं (NMHS) द्वारा प्रस्तावित की जाती है, और संबंधित उष्णकटिबंधीय चक्रवात क्षेत्रीय निकायों द्वारा उनके सालाना और दो साल में होने वाले सत्रों में अप्रूव की जाती है.

WMO/संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग एशिया और प्रशांत (WMO/ESCAP) पैनल ऑन ट्रॉपिकल साइक्लोन (PTC) में 13 देशों के सदस्य हैं. इनमें भारत, बांग्लादेश, म्यांमार, पाकिस्तान, मालदीव, ओमान, श्रीलंका, थाईलैंड, ईरान, कतर, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और यमन जो चक्रवात का नाम तय करते हैं.

आठ सदस्यों वाले पैनल ने 2004 में 64 नामों की एक लिस्ट फाइनल की थी. पिछले साल भारत में कहर बरपाने वाले चक्रवात के लिए अम्फान नाम उस सूची में अंतिम नाम था. WMO/ESCAP समिति ने 2018 में पांच और देशों को शामिल करने के लिए सदस्यों की सूची का विस्तार किया. पिछले साल, एक नई सूची जारी की गई थी जिसमें चक्रवातों के 169 नाम हैं, 13 देशों के 13 सुझावों का संकलन है.