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हाथों की उंगलियों के बीच की दूरी से पता चल जाते हैं हर व्यक्ति के राज, ऐसे लगाएं इसका पता

बता दें कि हाथों की उंगलियों की मदद से किसी व्यक्ति के बारे में जाना जा सकता है. इसके लिए हाथों की रेखाओं को देखने की भी जरूरत नहीं पड़ती हैं.

Updated on: 16 Apr 2020, 05:24 PM

नई दिल्ली:

अपने हाथों और उंगलियों को देखकर अक्सर आपके दिमाग में कई तरह के सवाल उठते होंगे. इनमें से एक सवाल उंगलियों के बीच की दूरी को लेकर भी उठता है. तो आज हम आपको बताएंगे कि हस्‍तरेखा में उंगलियों के बीच की दूरी से किसी का व्यवहार कैसे पता लगा सकते हैं. बता दें कि हाथों की उंगलियों की मदद से किसी व्यक्ति के बारे में जाना जा सकता है. इसके लिए हाथों की रेखाओं को देखने की भी जरूरत नहीं पड़ती हैं. अब जानिए कैसे उंगलियों से खुलते हैं व्यक्तियों को कई राज.

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अगर तर्जनी और अंगूठे के मध्‍य की दूरी 45 डिग्री का कोण बनाती हो (गैप हो) तो ऐसे व्‍यक्ति अपनी काफी तेज दिमागदार होते हैं और वो अपनी समस्‍याओं को बखूबी मैनेज कर लेते हैं. इस तरह के व्‍यक्ति अपनी बातों को सोच-समझकर या जरुरत पड़ने परर ही किसी के साथ शेयर करते हैं. इनमें हालातों और खूबियों को जांचने और परखने के बाद उसे प्रैक्टिकली हैंडल करने का अच्छा गुण होता है.

इसके अलावा अगर तर्जनी और अंगूठे के मध्‍य 90 डिग्री का कोण बनता हो तो इस तरह के व्‍यक्ति बहुत ज्यादा सीधे और शांत स्वभाव के होते हैं. ऐसे व्यक्ति किसी भी बात को घुमा-फिराकर नहीं, बल्कि सीधे तरीके बात करते हैं. हालांकि इसका उन्हें कई बार नुकसान भी होता है, क्योंकि इस प्रवृत्ति के लोगों का दूसरे लोग अक्‍सर फायदा उठा लेते हैं.

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अब आपको बताते हैं कि अगर मध्‍यमा और अनामिका उंगलियों के बीच सामान्‍य से अधिक का गैप हो तो ऐसे व्‍यक्ति काफी शर्मीले होते हैं. इसे इनकी खूबी कहें या कुछ और, मगर इस तरह के लोग अपने जीवन में किसी भी बड़ी जिम्‍मेदारी को उठाने से बचते रहते हैं, चाहे बात पारिवारिक जिम्‍मेदारी की हो या कुछ और हो. इस प्रवृत्ति के लोगों की कोशिश होती है कि किसी भी तरह से किसी तरह की जिम्मेदारी न मिले. ऐसे व्यक्ति भविष्‍य की चिंता न कर वर्तमान को जीते हैं.

वहीं अगर मध्‍यमा और तर्जनी के मध्‍य जगह काफी कम हो तो ऐसे व्‍यक्ति अपना बहुत दिमाग यूज करते हैं, वो खुद की सोच से कोई भी काम नहीं करते. इस तरह के लोग हर मामले में दूसरों पर निर्भर रहते हैं. दूसरों की सलाह के अनुसार ही ऐसे व्यक्ति काम करते हैं. इनमें खुद से फैसला लेने की क्षमता बहुत कम होती. इनका स्‍वभाव अंर्तमुखी होता है.