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300 से ज्यादा सांडे छिपकलियों की हत्या, मर्दानगी बढ़ाता है इनका तेल

गुजरात के कच्छ में 300 से ज्यादा सांडे छिपकलियों की हत्या का मामला सामने आया है. इतनी बड़ी संख्या में इन छिपकलियों की हत्या पहली बार की गई है. इन छिपकलियों का इस्तेमाल मर्दानगी बढ़ाने के लिए किया जाता है और उनका तेल बनाया जाता है.

Updated on: 29 Feb 2020, 06:29 PM

कच्छ:

गुजरात के कच्छ में 300 से ज्यादा सांडे छिपकलियों की हत्या का मामला सामने आया है. इतनी बड़ी संख्या में इन छिपकलियों की हत्या पहली बार की गई है. इन छिपकलियों का इस्तेमाल मर्दानगी बढ़ाने के लिए किया जाता है और उनका तेल बनाया जाता है. दरअसल भुज तहसील में घासिया मैदान में एक साथ 250 से 300 सांडे की हत्या का मामला सामने आया है. इसके बाद से ही पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है. एक साथ इतनी छिपकलियों की मौत के बाद वन विभाग भी अचरज में पड़ गया है.

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बिल से निकालकर की हत्या
जानकारी के मुताबिक कच्छ बन्नी के घसिया मैदान में सांडे को उनके बिल में से निकालकर हत्या कर दी गई है. स्थानीय शख्स रितेश पोकर ने इस बात का दावा किया है. वह इलाके में सांडे के संरक्षण के लिए काम करते हैं. अभी तक इस बात की जानकारी नहीं मिली है कि इन छिपकलियों की हत्या के पीछे कौन है. जिस घासिया मैदान में सांडे के बिल को खोदकर उन्हें निकाल कर मारा गया है, वहां बिल के ऊपर सूखे गोबर को रख दिया गया है. सांडे की हत्या के मामले में वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत ये सांडा (छिपकली अनुसूची-2 वर्ग 1) में समाविष्ट होता है और इसके तहत 7 साल की कैद और 2500 तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.

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मर्दानगी बढ़ाने के लिए होता है इस्तेमाल
सांडे एक ऐसा जीव है जिसमें से एक खास प्रकार का तेल पाया जाता है. इस तेल का इस्तेमाल हड्डियों जुड़ी कई बीमारियों और मर्दानगी बढ़ाने के लिए किया जाता है.
सांडे के तेल में से एफ्रोडिसिया नामक रसायन होता है जो काफी उपयोगी होता है, लोगों का ऐसा भी मानना है कि इसे बैल को खिलाने से उसकी भी ताकत बढ़ाई जा सकती है.