logo-image

बिना हाथ के पैदा हुई थीं केरल की जिलोमोल, ड्राइविंग लाइसेंस पाने वाली पहली एशियाई महिला बनीं

केरल की 28 वर्षीय जिलोमोल मैरिएट थॉमस नाम की एक युवती के जन्म से ही दोनों हाथ नहीं है, लेकिन इसके बावजूद वे एक कुशल ड्राइवर हैं. उनकी ड्राइविंग स्किल्स को देखते हुए ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने उन्हें ड्राइविंग लाइसेंस भी दे दिया है.

Updated on: 12 Sep 2020, 05:55 PM

नई दिल्ली:

यदि किसी इंसान में कोई शारीरिक कमी हो तो उसके ड्राइविंग करने के चांस लगभग न के बराबर होते हैं. लेकिन, यदि हम आपसे ये कहें कि शारीरिक कमी तो बहुत छोटी बात हो गई, बिना हाथ के भी इंसान ड्राइव कर सकता है तो क्या आप इस बात पर यकीन करेंगे. जी हां, ये बिल्कुल संभव है, बशर्ते उस इंसान में ये नामुमकिन काम करने का जज्बा होना चाहिए.

ये भी पढ़ें- बिना नर के साथ संबंध बनाए 62 साल की मादा अजगर ने दिए 7 अंडे, हैरान कर देगा मामला

केरल की 28 वर्षीय जिलोमोल मैरिएट थॉमस नाम की एक युवती के जन्म से ही दोनों हाथ नहीं है, लेकिन इसके बावजूद वे एक कुशल ड्राइवर हैं. इतना ही नहीं, उनकी ड्राइविंग स्किल्स को देखते हुए ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने उन्हें ड्राइविंग लाइसेंस भी दे दिया है. जिलोमोल केरल के एक खूबसूरत गांव करीमनूर की रहने वाली हैं, जिन्हें बचपन से ही कार चलाने का बहुत शौक था. दोनों हाथ नहीं होने पर ड्राइविंग करना लगभग असंभव-सा था लेकिन उनकी शारीरिक दुबर्लता ने उनके जज्बे से आगे घुटने टेक दिए.

ये भी पढ़ें- बिना नर के साथ संबंध बनाए 62 साल की मादा अजगर ने दिए 7 अंडे, हैरान कर देगा मामला

बिना हाथों के ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने वाली केरल की जिलोमोल एशिया की ऐसी पहली महिला बन गई हैं. बता दें कि जिलोमोल की जरूरत को देखते हुए मारुति ने अपने सिलेरियो को खास तरह से कस्टमाइज किया था. जिलोमोल ने साल 2018 में ये कार खरीदी थी और उन्हें उसी साल ड्राइविंग लाइसेंस भी मिल गया था. आपको जानकर हैरानी होगी कि अपने परिवार में जिलोमोल इकलौती कार ड्राइवर हैं.